इंदाैर डीएफओ बोले- आदमखोर टाइगर को पकड़ने की जरूरत नहीं, बारिश होगी तो जानवर जंगल में लौटने लगेंगे
इंदौर। इंदौर के महू वन क्षेत्र में पिछले 46 दिनों से टाइगर बेखौफ होकर घूम रहा है। वह एक बुजुर्ग का शिकार भी कर चुका है। वन विभाग की टीम अभी तक उसे पकड़ नहीं सकी है। इस बीच, डीएफओ नरेंद्र पंडवा का चौंकाने वाला बयान सामने आया है। उनका कहना है कि टाइगर को पकड़ने की जरूरत नहीं है। जैसे-जैसे बारिश होने लगेगी, जानवर बैक टू जंगल होने लगेंगे। चार टीमें निगरानी रख रही हैं।
दूसरी ओर, टाइगर के मूवमेंट को देखते हुए आसपास के क्षेत्रों में अलर्ट है। बड़गोंदा नर्सरी में टाइगर के पग मार्क भी मिले हैं। वीकेंड को देखते हुए लोगों को पाताल पानी जैसे पर्यटन स्थलों पर नहीं जाने की सलाह दी गई है।
टाइगर के रेस्क्यू और उसके मूवमेंट को लेकर डीएफओ का बयान
महू के मलेंडी और आसपास के क्षेत्र में टाइगर और लेपर्ड का मूवमेंट है। स्टाफ लगातार निगरानी किए है। कोशिश है कि टाइगर का मूवमेंट जंगल क्षेत्र में रहे। गांव के आसपास नहीं रहे। गांव के आसपास 24 घंटे टीम तैनात है। चार टीमें लगातार निगरानी रख रही हैं। 3-4 घंटे के बाद टीम अपडेट कर रही है। स्कूल रहवासी क्षेत्र में है। खतरे की बात नहीं है, फिर भी ऐहतियात के तौर पर स्कूल के सुबह के टाइमिंग को चेंज किया है।
टाइगर को ट्रैंक्यूलाइज करने के लिए भोपाल से रेस्क्यू टीम बुला रहे थे, लेकिन औब्दुल्लागंज में रेस्क्यू की जरूरत पड़ गई थी। इस वजह से टीम इंदौर नहीं आ सकी। वर्तमान स्थिति में भी ऐसी लोकलाइज जगह नहीं है। जहां हम टाइगर को लोकलाइज (टाइगर को ट्रैक कर उसकी हाथियों से घेराबंदी करना) कर पाए हों। उसे ट्रैंक्यूलाइज (टाइगर को बंदूक के जरिए बेहोशी का इंजेक्शन देना) करने की स्थिति में हो।
अभी टाइगर को पकड़ने की आवश्यकता नहीं है। गर्मी के समय में वन्य प्राणी घास, पानी की तलाश जंगल से बाहर निकलने लगते हैं। जंगल से बाहर निकलते ही उनकी विजिबिलिटी बढ़ जाती है। उनके पीछे वाइल्ड कैट आदि भी बाहर आ जाती है।
अब जैसे-जैसे बारिश आ रही है, वो बैक टू जंगल होने लगेंगे। जंगल में प्रचुर मात्रा में उन्हें भोजन-पानी मिलने लगेगा। वर्तमान में विशेष परिस्थिति बनने की संभावना कम है। जैसे-जैसे बारिश आएगी, जानवर जंगल की ओर जाना शुरू कर देते हैं। जानवर उतनी ही दूर आता है, जितना सामने का उसे क्लियर एरिया दिखता है। विजिबिलिटी रहती है। जहां उसे खतरा महसूस नहीं होता है।
आदमखोर टाइगर ने किया था बुजुर्ग का शिकार
बता दें कि महू के ग्राम मलेंडी के जंगल में मवेशी चराने गए बुजुर्ग का 18 जून को टाइगर ने शिकार कर लिया था। घटनास्थल पर ही बुजुर्ग की मौत हो गई थी। बाघ बुजुर्ग को 200 फीट नीचे खाई में खींच कर ले गया था। बुजुर्ग का नाम सुंदर लाल कुर्मी (60) है। सुंदर लाल रोजाना मवेशियों को जंगल में चराने ले जाता था। 18 जून की सुबह सुंदर लाल मवेशियों को लेकर जंगल पहुंचा। इसी दौरान, टाइगर ने उस पर हमला कर दिया और खींचकर ले गया। शुक्रवार को टाइगर वन विभाग की बड़गोंदा नर्सरी पहुंचा। यहां उसके पग मार्ग मिले हैं।