विजयवर्गीय बोले- कांग्रेस को MP में उम्मीदवार नहीं मिल रहे, कहा- मिशन 29 की शुरुआत छिंदवाड़ा से होगी

छिंदवाड़ा।। प्रदेश के शहरी विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस को उम्मीदवार नहीं मिल रहे। कोई भी लड़ने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि मिशन 29 की शुरुआत छिंदवाड़ा से होगी।
विजयवर्गीय छिंदवाड़ा में तीन दिवसीय प्रवास पर हैं। पहले दिन मंगलवार को अमरवाड़ा में कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित किया। राहुल गांधी को लेकर उन्होंने कहा कि PM मोदी के खिलाफ विपक्ष से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन है, किसी को नहीं पता। एक बेचारा न्याय यात्रा में पैदल घूम रहा है। इधर से आलू डाल रहा है, उधर से सोना निकाल रहा है। और भी बहुत सारे लोग हैं।
परिवारवाद पर कहा- कांग्रेस में और कोई नेता है क्या
विजयवर्गीय ने परिवारवाद पर कहा कि छिंदवाड़ा से कभी कमलनाथ सांसद बनते हैं, कभी उनकी पत्नी हैं, फिर बेटा आ जाता है। कांग्रेस में और कोई नेता है या नहीं? कितने लोगों की हत्या कर दी, दीपक सक्सेना मेरा दोस्त है। हमेशा सांसद बनते-बनते बाल-बाल बच जाता है। कमलनाथ, नकुलनाथ को ले आए।
इस माटी का लाल सांसद बनेगा
भाजपा ने छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से विवेक बंटी साहू को प्रत्याशी बनाया है। विजयवर्गीय ने कहा कि पार्टी ने विवेक बंटी को हल्दी लगा दी है। अब ये घोड़ी पर बैठकर सीधा दिल्ली जाएंगे। छिंदवाड़ा में इस बार कमल खिलेगा। इस बार इस माटी का लाल सांसद बनेगा। अभी तक बाहर से लोग आते रहे हैं।

कहा- वो भाजपा लायक नहीं थे, उनके लिए दरवाजे बंद
विजयवर्गीय ने कहा- छिंदवाड़ा में विकास का जैसा काम होना चाहिए था, वैसा नहीं हो पाया, इसलिए जरूरी है कि बंटी साहू को नेतृत्व मिले। सज्जन सिंह वर्मा कि सफाई वाले बयान पर विजयवर्गीय ने कहा कि सफाई किसकी हो रही है, ये आप देख रहे हैं। नाम लिए बिना कहा- जिन नेता का आपने नाम लिया, वो खुद भी आ रहे थे। जय श्री राम बोलने लगे थे। भाजपा में आकर चुनाव लड़ना चाह रहे थे, लेकिन वो भाजपा लायक नहीं थे, उनके लिए दरवाजे बंद हैं। बाकी सभी के लिए दरवाजे खुले हैं।
MP में कांग्रेस का मजबूत गढ़ है छिंदवाड़ा
छिंदवाड़ा सीट कांग्रेस पार्टी का मजबूत गढ़ मानी जाती है। 44 साल से लगातार कमलनाथ या उनके परिवार के सदस्य यहां से चुनाव जीतते आ रहे हैं। 1997 में BJP से सुंदरलाल पटवा ने कमलनाथ को हराया था। भाजपा इसी जीत को दोहराना चाहती है। दूसरी ओर कमलनाथ और नकुलनाथ ने भी गढ़ बचाने के लिए पूरी तैयारी कर रखी है।