सौरभ से सलीम बने कट्टरपंथी का वीडियो, कहा- हम जो कल्चरल इस्लाम फॉलो कर रहे, वो असल इस्लाम नहीं
भोपाल। पिछले दिनों ATS ने देशद्रोह के आरोप में 11 लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें एक सलीम नाम का शख्स भी शामिल है। असल में सलीम पहले हिंदू था। उसका नाम सौरभ जैन था। बाद में उसने पत्नी समेत धर्म बदल लिया। गुरुवार को उसका वीडियो सामने आया है। इसमें वह स्पीच देते दिख रहा है। वह कह रहा है कि ‘मेरी आपसे गुजारिश है कल्चरल इस्लाम को पहचानिए, यह इस्लाम नहीं है। जिसे हम मुसलमान आज फॉलो कर रहे हैं, वह इस्लाम नहीं है। इस्लाम वह है, जिसे अल्लाह ने दिया। इसी को पहचानो और इसी पर चलना।’’
जानकारी के अनुसार सलीम भोपाल के बैरसिया का रहने वाला है। 9 मई को मध्यप्रदेश और तेलंगाना ATS ने भोपाल-छिंदवाड़ा से 11 संदिग्धों को पकड़ा था। आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर से जुड़े होने पर ये कार्रवाई की गई थी।
पढ़िए, वीडियो में सलीम क्या कह रहा
एक होता है इस्लाम कल्चर। इसमें हम सब रहकर जिंदगी गुजार रहे होते हैं। इसमें रीति होती हैं, रिवाज होते हैं। जहां आराम मिलने लगता है, फिर कल्चरल जोन में जाने लगते हैं। मेरी आपसे गुजारिश है कि कल्चरल इस्लाम को पहचानिए, यह इस्लाम नहीं है। जिसे हम मुसलमान आज फॉलो कर रहे हैं, वह इस्लाम नहीं है। इस्लाम वह है, जिसे अल्लाह ने दिया, उसी को पहचानो, उसी पर चलना।
मुसलमानों के लिए क्या करना है। हमारे मुस्लिम भाई हैं। खुद एक आयत (कुरआन का श्लोक) सीखें और उन्हें (कल्चरल इस्लाम फॉलो करने वाले मुस्लिम) एक आयत सिखाएं। आप भाइयों के लिए क्या बेहतर कर सकते हैं, वह करें। मेरी क्या ख्वाहिश है…। मैं भोपाल का रहने वाला हूं। मेरी वहां जॉब चली गई। किसी ने मुझे राय दी कि आप यहां (हैदराबाद) आकर काम करिए। आपके लिए कोई दिक्कत नहीं है। अल्लाह ने मुझे यहां प्रोफेसर की जॉब दिला दी। वेल सेटल्ड घर कर दिया। इज्जत दी। ईमान इतना बड़ा कर दिया।
मैं ऐसा चाहता कि कोई एक ऐसा होता, जो रिवर्ट भाई के लिए काम करता। कुछ इदारे (संस्था) ऐसे हैं, जो सिर्फ दावत (इस्लाम के प्रचार-प्रसार) के लिए काम करते हैं, लेकिन दावत के बाद क्या?
मैं हैदराबाद में भी दो – ढाई महीने से ऐसे लोगों को ढूंढ रहा था। अल्लाह की मेहरबानी हुई। 1 हफ्ते के अंदर मुझे पता चला कि कुछ ऐसे लोग हैं, जिनके संगठन के बारे में मुझे नहीं पता था। ये एक बहुत बड़ा काम है। मेरी उनसे गुजारिश है, मुझे कुबूल कर लें। मैं अपने मुस्लिम भाइयों और रिवर्ट भाइयों के लिए ऐसी ही धारा बनाना चाह रहा था। हैदराबाद आकर अल्लाह ने मुझे इनसे जोड़ दिया। मेरी मंशा यह थी कि
रिवर्ट भाइयों की तरबीयत (तालीम) करना। अगर ये अल्लाह से जुड़े रहे …इंशाअल्लाह इनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। अल्लाह खुद कह रहा है कि हम अल्लाह के चुने हुए बंदे हैं।
आज हम हर चीज का कंप्रोमाइज करके बैठे हैं। अपना माल, औलाद, मां-बाप सबसे ज्यादा कीमती होते हैं। इस सब का कंप्रोमाइज करके बैठे हैं …अल्लाह के लिए। आज रिवर्ट भाइयों के लिए एक बात बता रहा हूं कि अगर वे मुस्लिम कल्चर यानी रीति-रिवाज में फंस गए, अल्लाह की परवाह नहीं कर रहे, तो वे भी वैसे ही हो जाएंगे कि अल्लाह ने जिनके लिए कहा है कि इनको हटाकर दूसरी कौम लेकर आऊंगा।
भाइयों खुद इल्म हासिल करें। केवल अल्लाह को राजी करने की बात करें।
अब सलीम के बारे में जान लेते हैं
बता दें कि सलीम कभी सौरभ राजवैद्य जैन था। 12वीं तक वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) शाखाओं में जाता था। पीएचडी कर भोपाल के कॉलेज में प्रोफेसर बन गया। परिवार का आरोप है कि डॉ. कमाल ने उसे बरगलाया। वह जाकिर नाइक के VIDEO देखने लगा। नाइक से मिलने मुंबई भी गया। वहां ही वह सौरभ से सलीम बन गया। पत्नी मानसी को रायला बना दिया। वहीं, दोनों बेटों का नाम भी बदल दिया।