इंदौर के MTH अस्पताल में बच्चों की मौत पर बवाल, दूसरे नवजात का शव सौंपा; नर्स निलंबित, 3 डॉक्टरों को नोटिस
इंदौर। इंदौर के महाराज तुकोजीराव होलकर महिला अस्पताल (MTH) में दो बच्चों की मौत के बाद बवाल मच गया। परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही और खराब दूध पिलाने का आरोप लगाया। परिजनों का आरोप है कि इन्हीं कारणों से रोजाना यहां बच्चों की मौत हो रही है।
बता दें कि MTH में जुलाई के छह दिन में अब तक 20 बच्चों की मौत हुई हैं। पिछले महीने जून में 55 बच्चों की जान गई थी।
एमटीएच अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही से नवजात की मौतों का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि गुरुवार को फिर हंगामा हो गया। परिजन डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई पर अड़े रहे। जैसे-तैसे समझाइश के बाद मामला शांत हुआ। नवजात का शव लेकर चले गए। वे करीब एक किमी पहुंचे ही थे कि हॉस्पिटल से फोन आया कि गलती से उन्हें दूसरे बच्चे का शव दे दिया है। इस पर परिजन ने अपने नवजात के पूर्व में मोबाइल से लिए गए फोटो का मिलान किया। डेड बॉडी दूसरे नवजात की ही थी।
इसके बाद वे तेज बारिश के बीच वापस अस्पताल पहुंचे। वहां जमकर हंगामा कर दिया। परिजनों ने आरोप लगाया कि मामले को शुरू से ही दबाया जा रहा है। बाद में रोते-बिलखते नवजात का शव लेकर रवाना हुए। सूचना पर कांग्रेस पार्षद राजू भदौरिया भी हॉस्पिटल पहुंचे। डॉक्टरों समेत स्टाफ को खूब खरी-खोटी सुनाई।
नर्स सस्पेंड, तीन डॉक्टरों को नोटिस
एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित ने बताया कि मामले में नर्स मुस्कान राठौर को सस्पेंड किया है। डॉ. नीलेश दलाल, डॉ. प्रीति मालपानी और डॉ. सुनील आर्य को नोटिस दिया गया है।
संभागायुक्त और कलेक्टर पहुंचे अस्पताल
अस्पताल प्रबंधन अलग-अलग कारणों से 2 बच्चों की बात मान रहा है। हंगामे के बाद कलेक्टर और संभागायुक्त भी पहुंच गए। प्रशासन ने कहा कि गुरुवार को पूजा के प्रीमेच्योर बेबी समेत दो नवजात की मौत हुई है। इन्हें सेप्टीसीमिया का इन्फेक्शन था। वजन भी कम था। उसके लंग्स में दूध चला गया था। शिकायत पर पुलिस की ओर से अस्पताल पहुंचे ACP बीपी शर्मा ने बताया कि प्री मेच्योर बच्ची के अलावा एक अन्य बच्चे की निमोनिया से मौत हुई है।
एडीएम बोले- फूड पॉयजनिंग से मौत की बात गलत
अस्पताल में जांच के लिए पहुंचे एडीएम (एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट) अभय बेड़ेकर ने बताया एक प्री मैच्योर बच्ची की मौत हुई है। बच्ची 10 जून को जन्मी थी और कमजोर थी। उसका जन्म सात महीने में हो गया था। अन्य मौतों के बारे में जानकारी नहीं है। खराब दूध से फूड पॉयजनिंग की बात गलत है। यदि पहले कोई घटनाक्रम हुआ है, तो चेक कराया जाएगा।
परिजन बोले- पाउडर सांस नली में फंसा, बच्चा मर गया
मृत बच्चे की मां ने कहा कि- बच्चा नॉर्मल था। उसे ब्लड चढ़ाया गया। इससे उसे दस्त लग गए थे। उसकी हालत खराब हो गई, तो डॉक्टरों को दिखाया। डॉक्टरों ने कहा बच्चा नॉर्मल है। आईसीयू के बगल में कमरे में उसे भर्ती करा दिया। कोई डॉक्टर देखने नहीं आया। उसे बॉटल चढ़ा दी। हम डॉक्टर को बुलाने जाते, तो हमसे कहते, हमें जिम्मेदारी मत समझाओ।
रात में सिस्टर आई, तो इंजेक्शन से पाउडर मुंह में डाल दिया। वो फंस गया। सांस नली चोक हो गई और मेरा बच्चा मर गया। डॉक्टर कह रहे हैं, जो हो गया सो हो गया। परसों 4-5 बच्चे मरे। रोज 4-5 बच्चों की मौत हो रही है। बच्चे उल्टी कर रहे हैं। फटा दूध पिताते हैं। डॉक्टर सुनते नहीं है।