उमा भारती ने सरकार को फिर घेरा, बोलीं- माफिया के सामने सत्ता मजबूर, सरकार के मुखिया अपने जिले में अवैध खनन नहीं रोक सके
भोपाल। भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने एक बार फिर अपनी ही पार्टी की सरकार को घेरा है। गुरुवार को भोपाल में उमा ने कहा, ‘कमाल तो यह है कि सरकार के मुखिया के जिले में भी उनकी छाती के ऊपर अवैध खनन हो रहा है। वह रोक नहीं सके। क्या सत्ता इतनी असहाय है इन तीन माफियाओं के सामने..पावर माफिया, खनन माफिया, शराब माफिया.. इनके सामने सत्ता मजबूर हो गई है क्या? मैं इनको नहीं छोडूंगी।’
उमा ने सरकारी आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। वे शहडोल में रेत माफिया द्वारा पटवारी प्रसन्न सिंह बघेल की हत्या के मामले पर बोल रही थीं। उन्होंने कहा, ‘मुझे स्लिप डिस्क की समस्या है। राहत मिलने के बाद ब्योहारी से ही अवैध खनन विरोधी अभियान शुरू करूंगी।’
पूर्व सीएम ने कहा कि ‘शहडोल में पटवारी प्रसन्न सिंह की जो हत्या हुई.. अवैध खनन हमेशा से चुभता रहा है। कई बार आपत्ति की और आवाज उठाई, इसलिए जो बातें पहले कही थीं.. उन बातों के होते हुए मुझे जिम्मेदारी देने के बारे में पार्टी सोचे, लेकिन मैं अवैध खनन की खिलाफत करना नहीं छोडूंगी। अब खनन की खिलाफत सबसे आगे हो जाएगी।’
खनन से रॉयल्टी वसूल करिए
उमा ने कहा- मुझे नहीं पता किसकी सरकार होगी? मैं चाहती हूं कि मेरी पार्टी की सरकार बने। मैं शिवराज जी का सम्मान करती हूं। शराब नीति घोषित हो गई.. शिवराज जी ने की। उन्होंने वैसे ही की, लेकिन वह लागू नहीं हो पाई। सिवाय इसके कि अहाते गिर गए। कहा गया कि शराब से लॉस हो जाएगा। मैं कह देती हूं कि खनन से रॉयल्टी वसूल करिए।
खनन की रॉयल्टी बहुत सारी भरपाई करेगी। प्रसन्न सिंह के अलावा नरेंद्र कुमार और बीच में कई लोगों की हत्या कर दी गई।
बजट बचाने की कंजूसी, हम गायों की हत्या कर रहे
उमा ने कहा- बावजूद पार्टी मुझे चुनाव लड़ाने की इच्छा रखती है। हालांकि, जिम्मेदारी तो मुझे परमात्मा ने नैसर्गिक दी है कि मैं खनन के खिलाफ खड़ी हो जाऊं और शराब नीति को ठीक से लागू करने के लिए कोशिश करूं। गौ रक्षा के लिए कोशिश करूं। गायों की सड़क पर इतनी हत्या हो रही है। सड़कों के दोनों तरफ फेंसिंग नहीं की गई। जब भी फोर लेन रोड बनते हैं, तो फेंसिंग करना सरकार की जिम्मेदारी है। बजट को बचाने की कंजूसी से हम गायों की हत्या कर रहे हैं।
इस बार हमारी सरकार बनेगी, तो मैं खनन के मामले में मुख्यमंत्री से बात करूंगी। जब वे कुछ नहीं करेंगे, तो खुलकर बोलने लग जाऊंगी। आगे नहीं पता कि क्या होगा?