Sunday, June 8, 2025
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महाकाल मंदिर में पहली बार टूटी परंपरा, पट खुलने के पहले नंदी हॉल में श्रद्धालुओं को बैठाया, जांच होगी

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महाकाल मंदिर में नंदी हॉल में पट खुलने से पहले ही श्रद्धालुओं को बैठा दिया गया।

उज्जैन। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में रविवार भस्म आरती में पहली बार परंपरा का उल्लंघन हुआ। नंदी हॉल में चांदी के द्वार खुलने से पहले ही मौजूद श्रद्धालुओं को कर्मचारियों ने बैठा दिया। इसे लेकर भस्म आरती करने वाले पुजारी नाराज हो गए। बाद में कर्मचारियों ने माफी मांगी। इधर, मंदिर प्रशासन ने प्रभारी व कर्मचारियों की बैठक में मंदिर के नियमों को लेकर सख्त हिदायत दी है।

सुबह करीब 4 बजे श्री महाकालेश्वर मंदिर में रोजाना की तरह नंदी हाॅल और गणेश मंडपम् में सैकड़ों लोगों की भीड़ मौजूद थी। भस्म आरती करने वाले संजय पुजारी ने नंदी हाॅल के चांदी के पट खोले, तो वहां पहले से ही श्रद्धालु बैठे दिखे। पुजारी ने पट खुलने के पहले ही श्रद्धालुओं को बैठाने पर आपत्ति जताई। उन्हाेंने वहां मौजूद कर्मचारियों को परंपरा का हवाला देकर लताड़ भी लगाई।

Tradition broken for the first time in Mahakal Temple

मामले की होगी जांच, कर्मियों को हिदायत

हालांकि व्यवस्था में लगे कर्मचारियों ने गलती के लिए पुजारी से माफी मांग ली। इसके बाद पूजन का क्रम शुरू हो सका। इधर, मंदिर प्रशासन ने दोपहर में भस्म आरती में मौजूद रहने वाले प्रभारी व कर्मचारियों की बैठक बुलाई।

मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि मंदिर के बाहर बारिश हो रही थी। निर्माण कार्यों के चलते पहली बार श्रद्धालुओं को नंदी हाॅल के चांदी के पट खुलने के पहले ही बैठा दिया था। मामले में जांच कराई जा रही है। भस्म आरती में मौजूद रहने वाले कर्मचारियों हिदायत दी है कि भविष्य में दोबारा ऐसा नहीं हो।

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इधर, मंदिर समिति के सदस्य व पुजारी राम पुजारी ने कहा कि यह उचित नहीं है। मंदिर की परंपराओं का भी रक्षण करना पड़ेगा।

अब जानिए, भस्म आरती की परंपरा
पहले सभा मंडप में वीरभद्र जी के कान में स्वस्ति वाचन किया जाता है। घंटी बजाकर भगवान से आज्ञा लेकर सभा मंडप वाले चांदी के पट खोले जाते हैं। उस दौरान वहां कोई नहीं रहता। इसके बाद गर्भगृह के पट खोलकर पुजारी भगवान का श्रृंगार उतार कर पंचामृत पूजन के बाद कर्पूर आरती करते हैं। इसके बाद नंदी हाॅल में लगे चांदी के पट खोले जाते हैं।

नंदी हाॅल में नंदी जी का स्नान, ध्यान, पूजन किया जाता है, इसलिए पहले से किसी को भी नंदी हाॅल में प्रवेश नहीं दिया जाता। पूजन के बाद श्रद्धालुओं को नंदी हाॅल व गणेश मंडपम में बैठाया जाता है।

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