इंदौर के अनाथ आश्रम में चार बच्चों की मौत, 23 अस्पताल में भर्ती, दो की हालत गंभीर

इंदौर। इंदौर के मल्हारगंज स्थित अनाथ आश्रम में चार दिन में तबीयत बिगड़ने के बाद तीन बच्चों की मौत हो गई। आश्रम आचार्य डॉ. अनिता शर्मा ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि आश्रम में 204 बच्चे हैं। मंगलवार सुबह 23 बच्चों को चाचा नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिन चार बच्चों की मौत हुई, उनमें से दो को मिर्गी की बीमारी थी, जबकि एक की मौत का कारण अज्ञात है।
कलेक्टर आशीष सिंह ने मामले की जांच के आदेश ADM को दिए हैं। वे बच्चों का हालचाल जानने के लिए पहुंचे। कलेक्टर ने क्षेत्र के एसडीएम को हटा दिया है।
आश्रम संचालिका अनीता शर्मा ने कहा कि आश्रम में मौजूद 204 में से 51 बच्चों को मिर्गी आती है। कई बार मिर्गी आते समय ही उनकी मौत हो जाती है। पोस्टमार्टम के बाद स्थिति स्पष्ट होगी। यहां के हर बच्चे की निगरानी की जाती है। स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन और खाद्य विभाग की टीमें जांच करने पहुंच गई हैं।
Three children died in Indore’s orphanage
एडीएम राजेंद्र रघुवंशी ने बताया कि बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए डॉक्टर्स की टीम पहुंच गई है। वहीं, फूड सेफ्टी टीम भी जांच कर रही है।
कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि पहले एक बच्चे की मौत की सूचना थी। कंफर्म हो गया है कि दो बच्चों की मौत हुई है। डिहाइड्रेशन की बात सामने आई है। एडीएम के नेतृत्व में टीम जांच कर रही है। एक अन्य बच्चे की मौत के पीछे मिर्गी की जानकारी मिली है।

7 साल के बच्चे ने आज सुबह दम तोड़ा
सभी बच्चे मल्हारगंज स्थित श्री युगपुरुष धाम में रह रहे थे। इन्हें अलग-अलग जिलों से लाकर आश्रम को सौंपा गया था। मल्हारगंज पुलिस के मुताबिक 12 साल के करण की सोमवार को तबीयत बिगड़ी और मौत हुई। मंगलवार सुबह 7 साल के आकाश ने भी दम तोड़ दिया। जांच की जा रही है।
Three children died in Indore’s orphanage
मानसिक रूप से कमजोर बच्चों का आश्रम
पंचकुइया रोड स्थित श्री युगपुरुष धाम आश्रम में मानसिक दिव्यांग बच्चों को रखा जाता है। यहां अलग-अलग जिलों से बच्चों को चाइल्ड लाइन या अन्य माध्यम से सौंपा जाता है। फिलहाल 217 मानसिक दिव्यांग बच्चे (101 बच्चे और 116 बच्चियां) हैं। सरकारी रिकॉर्ड में सभी बच्चों के साथ मां का नाम आचार्य डॉ. अनीता शर्मा लिखा है। जो बच्चे 10-15 साल पहले आए थे, इन्हीं में से 18 बेटियां एक-एक बच्चे की जिम्मेदारी संभाल रही हैं।
2006 में 78 बच्चों से हुई थी आश्रम की शुरुआत
2006 में आश्रम 78 दिव्यांग बच्चों से शुरू हुआ था। युगपुरुष स्वामी परमानंदगिरि महाराज के सान्निध्य में यह संचालित है। तब सभी की मां का नाम प्राचार्य अनिता के नाम पर और पिता की जगह आश्रम के सचिव तुलसी शादीजा का नाम लिखा गया। सभी के सरनेम स्वामीजी के नाम पर परमानंद रखे गए।
Three children died in Indore’s orphanage