देश में मई में नहीं पड़ेगी भीषण गर्मी, 14 राज्यों में अगले चार दिन बारिश का अलर्ट
नई दिल्ली। आमतौर पर अप्रैल और मई के महीने में भीषण गर्मी पड़ती है, लेकिन इस बार लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिल सकती है। इस बार अप्रैल महीने में गर्मी का इंतजार कर रहे लोगाें को निराशा मिली। अब मई भी गर्मी का एहसास नहीं दिलाएगी। मौसम विभाग के मुताबिक पूर्व, पूर्वोत्तर और पाकिस्तान की सीमा से लगे उत्तर-पश्चिमी भारत को छोड़कर बाकी हिस्सों में मई में तापमान 40 डिग्री के पार नहीं जाएगा। मौसम विभाग ने अगले चार दिन 14 राज्यों में बारिश की संभावना जताई है।
मौसम विभाग के मुताबिक मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय और नगालैंड में गरज के साथ अगले चार दिनों में बारिश हो सकती है। वहीं, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ इलाकों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
उधर, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में हल्की बारिश हो सकती है। इसके अलावा, लेह लद्दाख में भी बूंदा-बांदी हो सकती है। 10 राज्यों में बादल छाए रह सकते हैं।
क्या इस बार मानसून भी जल्दी आएगा?
मौसम विभाग के मुताबिक मानसून एक जून को केरल में दस्तक देगा। इसका सटीक अनुमान 15 मई तक लग सकेगा। हालांकि मई के दूसरे से तीसरे हफ्ते के बीच अंडमान सागर के पास बंगाल की खाड़ी में एक समुद्री तूफान बन सकता है। वह देश के कुछ हिस्सों में प्री-मानसूनी बारिश करा सकता है।
ज्यादा गर्मी नहीं पड़ने से मानसून पर क्या असर?
मौसम विभाग का कहना है कि अप्रैल-मई में भारतीय जमीन पर सतही तापमान का मानसून से सीधा संबंध नहीं है। मानसून समुद्र के दो सिरों की समुद्री सतह के तापमान पर निर्भर करता है। ये तीन तरह की स्थितियां हो सकती हैं- न्यूट्रल, अल-नीनो और ला-नीना। न्यूट्रल की स्थिति में मानसून सामान्य रहता है। अल-नीनो में सूखा और ला-नीना में ज्यादा बारिश होती है।
फिलहाल न्यूट्रल स्थिति है, लेकिन आशंका है कि जुलाई-अगस्त के दौरान अल-नीनो की स्थितियां बनने लगेंगी। लेकिन, भारतीय मानसून की मदद करने वाली दूसरी घटना ‘इंडियन डायपोल का पॉजिटिव होना’ जल्द शुरू होने वाली है।