इंतजार खत्म… MP में मानसून की एंट्री, भोपाल-इंदौर समेत कई जिलों में गिरा पानी; इस बार 106% बारिश होगी

भोपाल। मध्यप्रदेश में 6 दिन देरी से शुक्रवार को मानसून एंटर कर गया है। दक्षिण-पश्चिम मानसून पांढुर्णा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी और अनूपपुर जिलों में प्रवेश कर चुका है। इन जिलों में तेज बारिश शुरू हो गई। शाम को भोपाल में भी तेज बारिश होने लगी।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने जून से सितंबर यानी चार महीने तक प्रदेश में 104 से 106% तक बारिश होने का अनुमान जताया है। प्रदेश की औसत बारिश 37.3 इंच है। साल 2023 में प्रदेश में 100% बारिश हुई थी। इंदौर, उज्जैन समेत आधे एमपी में सामान्य से अधिक पानी गिरा था। इस बार भी इससे ज्यादा आंकड़ा रहने की उम्मीद है।
जिन जिलों से एंट्री, वहां तेज बारिश
जिन 6 जिलों से मानसून मध्यप्रदेश में एंटर हुआ, वहां पिछले 24 घंटे में तेज बारिश का दौर चल रहा है। मंडला के कुमदम में 2.2 इंच, बिछारी में 1.8 इंच, मेहगांव में 0.5 इंच बारिश हुई। बालाघाट के पारसवाड़ा, लालबर्रा, बिरसा, सिवनी जिले के लखानदौन, बरघाट, कोहरी, धनोरा, घांसोरे, सिवनी शहर, डिंडौरी जिले के डिंडौरी शहर, अमरपुर में भी तेज बारिश हुई है।

कब-कहां होगी मानसून की एंट्री
- प्रदेश के पांढुर्णा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी और अनूपपुर जिलों में मानसून पहुंच गया।
- बैतूल, नर्मदापुरम, बुरहानपुर, खंडवा, हरदा में भी रात तक मानसून पहुंच सकता है।
- 22-23 जून तक भोपाल, 24 जून तक इंदौर और 25-26 जून तक उज्जैन संभाग में पहुंच सकता है।
- ग्वालियर-चंबल में सबसे आखिरी में एंटर होगा।
- इसके बाद ग्वालियर-चंबल संभाग में एंट्री की संभावना है। यह प्रदेश का उत्तरी हिस्सा है।
The wait is over… Monsoon entered MP
इन जिलों में बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने अगले कुछ घंटों में भोपाल, रायसेन के भीमबेटका, सीहोर, बैतूल, इंदौर, देवास, पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, नर्मदापुरम के पचमढ़ी, सिवनी, बालाघाट, डिंडोरी, शहडोल, अनूपपुर के अमरकंटक में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है। इस दौरान आकाशीय बिजली भी गिर सकती है।
वहीं, श्योपुरकलां, मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, अशोकनगर, दतिया, उज्जैन, हरदा, धार के मांडू, बड़वानी, रतलाम, झाबुआ, मंदसौर, विदिशा के उदयगिरि, सांची, शाजापुर, खरगोन में हल्की आंधी के साथ बिजली चमक सकती है। वहीं, खरगोन के महेश्वर, खंडवा के ओंकारेश्वर, बुरहानपुर, नरसिंहपुर, मंडला, सिंगरौली, उमरिया, सीधी, छतरपुर के खजुराहो, पन्ना, दमोह, कटनी, सागर और जबलपुर में शाम के समय मौसम बदल सकता है।

भोपाल में अगले 48 घंटे में दे सकता है दस्तक
IMD, भोपाल के वैज्ञानिकों की मानें तो अगले एक सप्ताह में मानसून प्रदेशभर में छा जाएगा। भोपाल, जबलपुर और सतना में अगले 48 घंटों में मानसून दस्तक दे सकता है। इंदौर, सागर पहुंचने में तीन दिन लग सकते हैं। इसके बाद उज्जैन संभाग में पहुंचेगा। ग्वालियर-चंबल में सबसे आखिरी में प्रवेश करेगा।
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इन जिलों में इतनी बारिश का अनुमान
आईएमडी की रिपोर्ट के अनुसार पूर्वी मध्यप्रदेश के 4 संभाग- सागर, रीवा, जबलपुर और शहडोल में सामान्य से कम 98 से 99% बारिश होने का अनुमान है। वहीं, पश्चिमी मध्यप्रदेश के 6 संभाग- भोपाल, नर्मदापुरम, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और चंबल में 101 से 102% या इससे अधिक बारिश होने का पूर्वानुमान है। डॉ. सिंह ने बताया कि मानसून को लेकर मौजूदा परिस्थितियां काफी बेहतर है।
अच्छी बारिश के संकेत क्यों
मौसम विभाग के अनुसार, भू-मध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र पर अल नीनो की मध्यम (moderate) स्थिति है। मानसून के दूसरे भाग में ला नीना स्थितियां डेवलप होने की संभावना है।
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भोपाल में 5 घंटे में 4.8 इंच बारिश
इससे पहले, भोपाल में तड़के करीब 3 बजे से बारिश हुई। बैरागढ़ इलाके में सुबह 8 बजे तक 4.8 इंच पानी गिरा। सीहोर में दो घंटे में ही 4 इंच से ज्यादा पानी बरसा। इससे गुरुवार देर रात तक सूखी नदी में दूसरे दिन बहाव तेज हो गया। उज्जैन, रतलाम, नीमच, शाजापुर और रायसेन में देर रात से रुक-रुककर बारिश हो रही है। इंदौर में बादल और तेज हवा चल रही है। सुबह करीब 10.30 बजे कुछ इलाकों में बूंदाबांदी तो कहीं हल्की बारिश हुई।
क्या होता है मानसून?
मानसून दक्षिण-पश्चिमी हवाओं को कहा जाता है, जो भारत सहित बांग्लादेश और पाकिस्तान में बारिश कराती हैं। हिंद महासागर और अरब सागर से यह हवाएं उठती हैं। यह हवाएं जून से सितंबर महीने तक सक्रिय रहती हैं और दक्षिण-पश्चिम से चलकर भारत और अन्य देशों में बारिश लाती हैं। मानसून शब्द का पहली बार प्रयोग ब्रिटिश काल में हुआ था। हाइड्रोलॉजी में मानसून को उन हवाओं के रूप में जाना जाता है, जो किसी क्षेत्र में एक विशेष मौसम में खूब बारिश कराती है।