महाकाल लोक में नंदी द्वार का कलश गिरा, कांग्रेस बोली- महाकाल को आवेदन दिया; तीन दिन पहले आंधे से मूर्तियां गिरी थीं
उज्जैन। उज्जैन स्थित महाकाल लोक में तीन दिन बाद दूसरा हादसा हो गया। गुरुवार को महाकाल लोक का मुख्य द्वार में लगा कलश शाम को अचानक गिर गया। घटना के वक्त वहां श्रद्धालु मौजूद थे। हालांकि किसी को भी चोट नहीं आई।
महाकाल लोक में नंदी द्वार स्थित है। इसी में से होकर श्रद्धालु महाकाल लोक में प्रवेश करते हैं। इसी में लड्डू के आकार के कुछ कलश लगे हैं। शाम को अचानक द्वार के डिजाइन में लगा कलश टूटकर गिर गया। यह पत्थर का कलश है। हालांकि वहां मौजूद लोगों को कोई चोट नहीं आई।
चार दिन पहले ही गिरी थीं मूर्तियां
चार दिन पहले ही रविवार को तेज आंधी के कारण महाकाल लोक में सप्तऋषियों की मूर्तियां गिर गई थीं। इसके बाद महाकाल लोक निर्माण में भ्रष्टाचार को लेकर सवाल उठने लगे।
कांग्रेस का दल कर रहा था निरीक्षण
जिस वक्त कलश टूटकर गिरा था, उस वक्त महाकाल लोक में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य निरीक्षण कर रहे थे। कुछ मीडियाकर्मी भी मौजूद थे। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह राजावत ने बताया कि अचानक ये कलश नीचे गिर गया। यह भी भ्रष्टाचार का नमूना है। कांग्रेस पार्टी की ओर से बाबा महाकाल को आवेदन दिया है।
उज्जैन के शहर कांग्रेस अध्यक्ष रवि भदौरिया ने बताया कि कांग्रेस कमेटी की ओर से दल निरीक्षण करने आया था। ये पत्र महाकाल के चरणों में देने आए हैं। बाबा महाकाल भ्रष्टाचार करने वालों को सद्बुद्धि दे। यह कलश नीचे गिरते देखा है। ये पत्थर गम से चिपके हुए हैं। इसका वजन करीब तीन किलो है। टाइल्स फूट गई।
कुछ ही समय में दोबारा चिपका दिया पत्थर
कलश गिरने से टाइल्स भी टूट गई थी। अफसरों के मुताबिक आशंका है कि ये कलश पदार्थ से चिपके हुए हैं। संभवत: पकड़ ढीली होने या गम सूखने के कारण कलश गिर गया। हालांकि वहां मौजूद प्रशासन ने तुरंत कलश को वापस गम से चिपका दिया। टाइल्स को भी बदल दिया गया।