ग्वालियर में कथावाचक ने की खुदकुशी; सुसाइड से पहले बनाए वीडियो में कहा- पत्नी ने प्रताड़ित किया, दोस्त छुड़ाए
ग्वालियर। ग्वालियर में भजन गायक और कथावाचक ने शुक्रवार सुबह खुदकुशी कर ली। सुसाइड से पहले उन्होंने वीडियो बनाकर भाई को भेजा। इसमें उन्होंने आत्महत्या के लिए पत्नी को जिम्मेदार बताया। कथावाचक ने डेढ़ साल पहले लव मैरिज की थी। यह उनकी दूसरी शादी थी।
कथावाचक ने वीडियो में कहा, ‘पत्नी ने दोस्त छुड़ा दिए। काम-धंधा छुड़ा दिया। मेरी मां के खत्म होने के बाद मेरी भाभी ने मुझे बचपन से पाला, उन पर भी आरोप लगाए। मैंने जितनी प्रताड़ना झेली है, कोई नहीं झेल सकता।’
कथावाचक धर्मेंद्र झा (35) ग्वालियर में जनकगंज इलाके में ढोलीबुआ का पुल के रहने वाले थे। सुबह पत्नी नेहा कमरे में पहुंची, तो शव फंदे पर लटका मिला। जांच में पुलिस को पता लगा कि सुसाइड से पहले सुबह 6.23 बजे धर्मेंद्र ने वीडियो अपने भाई के मोबाइल पर भेजा था।
वीडियो में कहा- पिता की सेवा नहीं की, दोस्तों को भी गालियां दीं
वीडियो में धर्मेंद्र ने कहा- पिता की उम्र 85 साल है। अस्थमा के पेशेंट हैं। कभी इसने (दूसरी पत्नी) उनकी सेवा करने की कोशिश नहीं की। मैंने फिर भी कुछ नहीं कहा। इसने मेरे आश्रम में फोन लगाकर मुझे काम देने से मना कर दिया। पुलिस भेजने की धमकी दी, लेकिन उन्होंने मेरे व्यवहार को देखते हुए काम दिया।
किसी कलाकार को साथ लेकर जाता, तो गाली-गलौज करती। मेरे दोस्तों को गालियां दीं। ये औरत कहती है कि सिर्फ मेरे पास रहो।
The narrator committed suicide in Gwalior
घरवाले बोले- गुस्से की तेज है, रखना हो तो रखो
वीडियो में कथावाचक ने कहा ‘मैं सिर्फ इसके चक्कर में अपना घर छोड़कर किराए से रह रहा हूं। एक महीने से खाली बैठा हूं। फिर भी अपना समझकर इसके खर्च में कमी नहीं की। ये प्रेग्नेंट थी, इसलिए इसकी हर ख्वाहिश पूरी करने की कोशिश की। इसने फिर भी लड़ना बंद नहीं किया।
इसके घरवालों को बताया, लेकिन उन्होंने एक्शन नहीं लिया। एक ही बात बोलते रहे कि हमने तो पहले ही शादी से मना किया था। वो तो ऐसे ही गुस्से की तेज रहेगी, तुम्हें रखना हो तो रखो।’
पहली पत्नी ने रेप का झूठा केस लगाया था
इस बीच, ‘मैंने रिपोर्ट करने की कोशिश की, तो वकीलों ने सलाह दी कि आजकल औरतों की सुनवाई है। तुम्हारी पहली पत्नी ने भी झूठा केस लगाया था तुम पर…। उसने मुझ पर रेप का केस लगाया था। अंधा कानून मर्द को कसूरवार ठहराता है। उस समय बरी कर दिया, लेकिन मेरी उस जिंदगी का क्या, जो बर्बाद हो गई। ये औरत भी मेरी मौत की जिम्मेदार है। मेरी पिछली सारी जिंदगी बर्बाद कर दी।’
The narrator committed suicide in Gwalior
दोनों को सख्त सजा दी जाए
‘कानून बरी कर देता है। बरी करने से क्या फायदा? जब मेरी बदनामी हो गई, मेरा सब कुछ छिन गया। दोबारा से रेपुटेशन बनाई है मैंने…। भारत के कानून ने औरत को इतनी छूट दे दी है कि वो किसी मर्द को फंसा सकती है। मैं एक बात पूछता हूं कि सिर्फ आदमी ही दोषी है हर बार? अगर अंधा कानून नहीं है, थोड़ी सी भी आंख खुली हैं, तो मैं एक गुहार लगा रहा हूं कि दोनों को कड़ी सजा दें। कानून में थोड़ा सा बदलाव लाएं, ताकि जिन मर्दों का औरतों ने जीवन नर्क बना रखा है, वे गुहार लगा सकें।’
ठाकुर जी ने जितनी जिंदगी दी, उतनी जीया
‘दोनों औरतों के कारण मैं आज आत्महत्या कर रहा हूं। मेरे जाने के बाद मेरी सारी चीजों पर अधिकार सिर्फ मेरे घरवालों का होगा। सभी को राधेश्याम…। ठाकुर जी ने जितनी जिंदगी दी, उतनी जीकर जा रहा हूं। मैंने तो बहुत कुछ करने की कोशिश की… लिहाज करने की कोशिश करता था लेकिन इन्होंने कभी कुछ करने नहीं दिया। जीवन नर्क बना दिया, आज कुछ बचा नहीं इसीलिए सभी को राम-राम…।’
The narrator committed suicide in Gwalior