ग्वालियर में जिस बच्ची से गैंगरेप हुआ, उसके परिवार ने किया पलायन, आरोपी का घर तोड़ा, 20 बीघा जमीन भी खाली कराई

ग्वालियर। ग्वालियर के भंवरपुरा में जिस 15 साल की बच्चे से गैंगरेप हुआ, उसके परिवार ने गांव छोड़ दिया है। शुक्रवार शाम बच्ची के पिता ने भी खदान का काम भी छोड़ दिया है। पुलिस की निगरानी में उन्हें शिवपुरी स्थित अपने गांव वापस भेजा गया।
एएसपी गजेन्द्र सिंह वर्धमान ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से परिवार गांव से चला गया है। जिस गांव में घटना हुई है, आरोपी भी वहीं के हैं। इसका उनकी सुरक्षा का ध्यान रखना भी जरूरी है।
सोमवार रात दरिंदाें ने मां-पिता पर कट्टा अड़ाकर नाबालिग से गैंगरेप किया था। पिता का कहना है कि उस गांव और माहौल में रहकर हर समय परिवार रह-रहकर काली रात याद आ रही है।
दो आरोपियों की दो दिन की रिमांड
मामले में दो आरोपी- संजीव गुर्जर (24) और बंटी गुर्जर (30) को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया था। संजीव गैंगरेप करने वाले आरोपियों में से एक है। बंटी इनका मददगार है, जिसके घर पर तीनों आरोपी रुके थे। वारदात के समय वह कुछ दूर खड़ा था। उसने बच्ची के घर का रास्ता दिखाया था। दोनों को पुलिस ने शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से दो दिन की रिमांड पर लिया गया है।
तीसरे आरोपी आकाश गर्जर शुक्रवार को पकड़ लिया गया। वह भंवरपुरा में ही खदान चलाने वाले का बेटा है।
पुलिस के मुताबिक, मुख्य आरोपी फरार है। वह डकैत गुड्डा गैंग का सदस्य रह चुका है। उसी ने गैंगरेप की साजिश रची थी। उसके नाम का खुलासा पुलिस ने नहीं किया है।

आरोपी बंटी गुर्जर का घर तोड़ा
प्रशासन ने आरोपी बंटी गुर्जर के भंवरपुरा स्थित घर को शुक्रवार को जेसीबी से ढहा दिया। यहां पता लगा कि आरोपी ने वन विभाग की 20 बीघा जमीन पर कब्जा किया है। प्रशासन ने जमीन भी खाली कराई ली।
डेढ़ महीने पहले ही आए थे
पीड़िता आदिवासी परिवार से ताल्लुक रखती है। परिवार में मां-पिता के अलावा 10 साल का भाई है। उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है। पीड़िता की मां ने पुलिस को बताया कि वह मूल रूप से शिवपुरी के एक गांव के रहने वाले हैं। काम की तलाश में करीब डेढ़ महीने पहले परिवार भंवरपुरा के बरकोड़ा गांव आ गया था। पीड़िता का पिता खदान पर मजदूरी करते थे।
गांव छोड़कर शायद बेटी की रौनक लौट आए
वारदात के बाद से पीड़िता किसी से बात नहीं कर रही। यहां तक कि पुलिस भी उसके पास जाती है, तो वह सहम जाती है। बच्ची सिर्फ अपनी मां से बात कर रही है। किसी को भी बात करनी होती है, तो उसकी मां बात कर बताती है। यही कारण है कि पिता को लगता है कि जगह बदलेगी और वापस गांव पहुंचेगी, तो शायद बेटी के चेहरे की रौनक फिर लौट आए।
पूछताछ में बताया था- सोचकर आए थे, शिकार करेंगे
पूछताछ में आरोपी संजीव का कहना था कि उस रात हम तीनों सोचकर ही निकले थे कि आज ऐसा कुछ करेंगे। गांव में एक अन्य युवती को टारगेट कर वहां पहुंचे थे। बंटी के खेत पर शराब पी थी। बंटी ने उस युवती को बचा लिया। कहा- गांव में नया परिवार आया है। वहां बहुत कुछ है। नाबालिग के घर का रास्ता भी दिखा दिया। हमें तो शिकार करना था फिर कोई भी हो।