शिक्षक कांग्रेस बोली- अतिशेष शिक्षकों की सूची में गड़बड़ी, काउंसिलिंग निरस्त की जाए
भोपाल। मध्यप्रदेश शिक्षक कांग्रेस ने प्रदेश की अतिशेष शिक्षकों की सूची को निरस्त करने की मांग की है। शिक्षक कांग्रेस के प्रांताध्यक्ष सतीश शर्मा, वरिष्ठ प्रांतीय उपाध्यक्ष राजेश सिंह राजावत व प्रांतीय सचिव कौशल शर्मा ने कहा है कि सूची में कई विसंगतियां हैं।
बड़ी बात ये है कि बीच सत्र में अतिशेष शिक्षकों की काउंसिलिंग कराने से पढ़ाई में व्यवधान होगा।
Teachers Congress Demand to Cancel Surplus Teachers List
दावे-आपत्तियों का भी समय नहीं दिया
शिक्षक कांग्रेस के मुताबिक विसंगतियों के बावजूद सूची जारी कर दी गई। काउंसलिंग के लिए दावे-आपत्ति का समय भी नहीं दिया। इस सूची से काउंसिलिंग से अन्याय पूर्ण व्यवहार किया जा रहा है,, जबकि उच्च पद प्रभार के बाद पोर्टल अपडेट नहीं किया गया।
सूची में ये विसंगतियां
1- सूची में जूनियर और सीनियर शिक्षकों का ध्यान नहीं रखा गया। कई जगह कनिष्ठ को अतिशेष माना, तो कहीं वरिष्ठ को।
2- कई शालाओं में एक ही शिक्षक है, उसे भी अतिशेष मानकर उसका नाम जोड़ दिया गया, जिससे शाला शिक्षक विहीन हो जाएगी।
3- कई स्कूलों में छात्रों के मान से दो शिक्षक हैं, उसमें से एक को अतिशेष मानकर सूची में शामिल कर दिया।
4- उच्च पद प्रभार में गए शिक्षकों का पोर्टल पर पद नाम नहीं बदला गया, जिससे कई उच्च पद प्रभार बारे शिक्षकों को अतिशेष सूची में शामिल कर लिया।
Teachers Congress Demand to Cancel Surplus Teachers List
मांग- काउंसिलिंग रोकी जाए
मध्यप्रदेश शिक्षक कांग्रेस की मांग है कि बीच सत्र में काउंसिलिंग रोकी जाए। साथ ही, पोर्टल अपडेट के बाद अप्रैल, मई में काउंसलिंग कराई जाए। मांग करने वालों में अशोक प्रताप सिंह, धर्मेन्द्र सिंह, हरीश नामदेव, आरपी सिंह, महेन्द्र दीक्षित, अनीता सारस्वत, अमित सेंगर, रामरतन सिंह तोमर, संजय माछीवाल, आनंद उपाध्याय, दीपेन्द्र सिंह, कल्याण सिंह कौरव, हेमराज राणा, नरेन्द्र सिंह तोमर, राजीव अग्रवाल, अवनीश सिंह, प्रभुदयाल राजपूत, धर्मेन्द्र रघुवंशी, सुरेश रावत शामिल हैं।