स्पेशल डिजाइन वैन में ले जाया जाएगा कैश, GPS से होगी निगरानी; बनेगी गाइडलाइन
भोपाल। मध्यप्रदेश में नकदी का सुरक्षित परिवहन के लिए गाइडलाइन बनाई जाएगी। अब कैश को स्पेशल डिजाइन वैन में ले जाया जाएगा। जीपीएस से गाड़ी की निगरानी की जाएगी। गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को इस संबंध में जानकारी दी। उन्हेांने बताया कि इस संबंध में प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
प्रदेश में नकदी का सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित करने और लूटपाट की घटनाओं पर लगाम लगाने के मकसद से सरकार पहल करने जा रही है। सरकार द्वारा निजी सुरक्षा एजेंसियों द्वारा कैश (नकदी) के परिवहन को लेकर एक गाइडलाइन बनाई जा रही है। गृहमंत्री ने बताया कि इसमें प्रशिक्षित जवान तैनात होंगे। कैश का परिवहन विशेष रूप से डिजाइन की गई वैन में किया जा सकेगा। परिवहन के दौरान जीपीएस के माध्यम से निगरानी की जाएगी।
पूर्व सीएम कमलनाथ को लिए आड़े हाथों
नरोत्तम ने कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर भी तंज कसा। नरोत्तम ने कहा कि कमल नाथ जी हाथ जोड़े खड़े हैं, पूजा पाठ कर रहे हैं। इससे अच्छे दिन और क्या आएंगे? हमें उनकी धार्मिक आस्था पर आपत्ति नहीं, लेकिन इस बात पर आपत्ति है कि इन्हें चुनाव के समय ही भगवान क्यों याद आते हैं? चुनाव के वक्त ही हनुमान भक्त क्यों हो जाते हैं? 15 महीने में (जब उनकी सरकार रही) क्या कभी ऐसा विज्ञापन दिया?
कमल नाथ जी को जब अवसर मिला था, तब 15 महीनों में उन्होंने कुछ किया नहीं। जनता कांग्रेस और कमल नाथ जी के ढोंग को जान और समझ चुकी है, इसलिए दोबारा भरोसा नहीं करेगी।
दिग्विजय न किसी के भाई, न किसी की जान
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय द्वारा पत्थरबाजी को लेकर किए गए ट्वीट पर भी नरोत्तम ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह न किसी के भाई हैं, न किसी की जान हैं। पड़ोसी मुल्क में आटा महंगा होने से परेशान हैं। एक वर्ग विशेष पर नजर-ए- इनायत करने के लिए ये सब बोलते रहते हैं। इनकी मन:स्थिति पाकिस्तान में जो त्राहि माम-त्राहि माम हो रहा है, उससे समझ में आती है। यह भी समझ में आता है कि ये किस तरह पीड़ित होकर ऐसे बयान देते हैं।
गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह ने एक व्यक्ति के ट्वीट को रीट्वीट करते त्योहारों पर पत्थरबाजी को लेकर सवाल उठाए थे। उन्होंने लिखा था- यदि आप देखें तो रामनवमी के जुलूस पर सभी प्रदेशों में घटना एक प्रकार की ही थी। जुलूस पर पत्थर फेंका गया और पत्थरबाजी शुरू। दंगा भड़क गया। यह पत्थरबाजी कौन करता है? पता नहीं। लेकिन, पकड़े जाते हैं एक ही वर्ग के निर्दोष बच्चे।’