इंदौर बाल आश्रम की बालिकाओं का चौंकाने वाला खुलासा, बोलीं- बॉयफ्रेंड को ठहराती थी केयर टेकर, पैर भी दबवाए
इंदौर। गड़बड़ियों के चलते इंदौर के बाल आश्रम वात्सल्यपुरम को सील कर दिया गया है। बच्चियों ने अपने बयान में चौंकाने वाला खुलासा किया है। बच्चियों ने पुलिस को बताया कि महिला केयर टेकर अपने बॉयफ्रेंड को बुलाकर आश्रम में ठहराती थी। एक बार वह लगातार पांच दिन तक रुका। इस दौरान अन्य बाहरी लोग भी आते रहे। यही नहीं, केयर टेकर पैर भी दबवाती थी।
एक बार दो केयर टेकर्स ने एक बालिका को निर्वस्त्र रखा। उसे भट्टी के जरिए झुलसाने की भी कोशिश की गई। मामले में पहले ही आश्रम की महिला केयर टेकर्स और अन्य पर केस दर्ज हो चुका है। इनमें केयर टेकर्स और उसके बॉयफ्रेंड के नाम हैं। इधर, संस्था डायरेक्टर ने आरोप को निराधार बताया है।
बच्चियां बोलीं- अमित नाम का शख्स आता था
बच्चियों ने पुलिस को बताया कि एक केयर टेकर के पास अमित नाम का युवक आता था। एक बार वह पांच दिन तक आश्रम में ही रुका था। दोनों अक्सर ऑफिस वाले कमरे में रहते और बच्चियों से काम कराते थे। कोई गेस्ट या अन्य आता, तो केयर टेकर उसे दूसरे कमरे में छिपा देती।
डायरेक्टर से शिकायत पर कुछ नहीं हुआ
बच्चियों ने खुलासा किया कि केयर टेकर्स बच्चियों से पैर दबवाती थी। जब इसकी शिकायत डायरेक्टर से की, तो उन्होंने कहा कि जो हुआ, उसे भूल जाओ। उन्होंने न तो आगे किसी कर्मचारी को रोका और न ही डांटा। जब बच्चियों ने मारपीट की शिकायत की, तो सीसीटीवी बंद कर दिए गए। तब भी डायरेक्टर ने ध्यान नहीं दिया।
एक बार केयर टेकर ने एक बालिका को निर्वस्त्र करके काफी देर तक उसे ऐसे ही रहने दिया। फिर भट्टी पर ले जाकर जलाने की कोशिश की। जब अन्य बच्चियां भी रोने लगीं, तो धमकी देकर छोड़ दिया।
अनहोनी के डर से स्कूल नहीं भेजा जा रहा
शिकायत के बाद सील किए गए आश्रम में 21 बच्चियां बरामद की गई थीं। एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने पांच बच्चियों के बयान ले लिए हैं।
उधर, बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष पल्लवी पोरवाल ने बताया कि 21 में से 19 बच्चियां स्कूल जाती थीं। 12 जनवरी को बालआश्रम पर हुए एक्शन के बाद सभी बच्चियां दो अलग-अलग आश्रमों में निगरानी में रखी गई हैं। लगातार काउंसलिंग हो रही है। बच्चियां स्कूल जाना चाहती हैं, लेकिन अभी हिम्मत नहीं जुटा पा रही हैं। स्कूल जाने पर रास्ते में उन्हें कोई डराए-धमकाए और बरगलाए नहीं, इसलिए स्कूल नहीं भेजा जा रहा है। पढ़ाई के लिए आश्रमों में ही महिला ट्यूटर तैनात करा दिया है।
संस्था डायरेक्टर बोलीं- हम सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ेंगे
आश्रम की डायरेक्टर शिखा जैन ने आरोपों को निराधार बताया है। इनका कहना है कि संस्था ट्रस्ट के तहत है। यहां ऐसे गैर कानूनी काम नहीं किए जाते। यहां तो गरीबों और अनाथ बच्चियों का उद्धार किया जाता है। प्रशासन ने बच्चियों को एक तरह से बंधक बनाकर रखा है। हम इस मामले में जल्द ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सही हालात बताएंगे। प्रशासन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। एसीपी सोनाक्षी सक्सेना ने बताया कि केस में जो भी तथ्य सामने आएंगे, पुलिस निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई करेगी।