नतीजों से पहले दो हजार करोड़ कर्ज लेगी शिवराज सरकार; दो महीनों में 8500 करोड़ कर्ज लिया
भोपाल। चुनावी नतीजों से पहले शिवराज सरकार एक बार फिर कर्ज लेगी। 28 नवंबर को दो हजार करोड़ रुपए उठाएगी। आचार संहिता लागू रहने के दौरान भी सरकार कर्ज ले चुकी है। जनवरी से अब तक 38,500 करोड़ रुपए कर्ज लिया गया है। राज्य सरकार पर कुल कर्ज बढ़कर 3 लाख 31 हजार 651 करोड़ रुपए हो चुका है।
मतदान और कांग्रेस द्वारा मुद्दा बनाए जाने के चलते नवंबर महीने में अब तक कर्ज नहीं लिया था। इस महीने का यह पहला कर्ज होगा। वित्त विभाग ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। यह कर्ज आरबीआई से 14 साल के लिए लिया जाएगा।
माना जा रहा है कि नई सरकार के गठन की व्यवस्थाओं के साथ मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के भुगतान के लिए यह कर्ज लिया जा रहा है।
आचार संहिता लागू होने के बाद 3 बार लिया कर्ज
9 अक्टूबर को मध्यप्रदेश चुनाव आचार संहिता लागू हुई थी। इसके बाद सरकार ने अक्टूबर महीने में तीन बार में 4 हजार करोड़ कर्ज लिया है।
सितंबर-अक्टूबर में लिए थे 8500 करोड़
इसके पहले सितंबर-अक्टूबर महीने में राज्य सरकार ने घोषणाओं के क्रियान्वयन और कर्मचारियों व अन्य वर्गों को दी जाने वाली सेवाओं के लिए 8500 करोड़ का कर्ज लिया था। इनमें सितंबर महीने में चार बार और अक्टूबर में 3 बार कर्ज लिया था।
सरकार का जितना बजट, उससे ज्यादा कर्ज
मध्यप्रदेश सरकार पर 31 मार्च 2023 तक कुल कर्ज 3 लाख 31 हजार 651 करोड़ रुपए हो गया है। 31 मार्च 2022 तक प्रदेश का कुल सार्वजनिक कर्ज 2.95 लाख करोड़ रुपए था। बजट अनुमान (वित्त वर्ष 2023-24 के लिए) के अनुसार 31 मार्च, 2024 तक यह आंकड़ा बढ़कर 3.85 लाख करोड़ होने का अनुमान है।
बता दें, कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में मप्र सरकार का बजट – 3 लाख 14 हजार 25 करोड़ रुपए है। सरकार की इनकम के लिहाज से भी देखें, तो सरकार की आमदनी 2023-24 में 2 लाख 25 हजार करोड़ होने का अनुमान लगाया गया है, जबकि खर्च 2,79,000 करोड़।
ऐसे कर्ज लेती है सरकार
सरकार आरबीआई के माध्यम से कर्ज लेती है। इसमें सरकार को बताना होता है कि इस राशि का कहां और कैसे खर्च करना है। इसके लिए सरकार नोटिफिकेशन जारी करती है। इसमें कर्ज की जानकारी दी जाती है। आरबीआई की अनुशंसा के बाद सरकार कर्ज लेती है। यह पैसा आरबीआई में रिजस्टर्ड वित्तीय संस्थाएं देती हैं। इसके अलावा, सरकार बाजार, वित्तीय संस्थाओं, बांड्स, केंद्र सरकार, स्मॉल सेविंग फंड्स से भी कर्ज उठाती है।