फसलों के नुकसान पर अब मिलेगा ज्यादा मुआवजा, शिवराज कैबिनेट का फैसला
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। कैबिनेट ने प्रदेश में बारिश-ओले से प्रभावित होने वाली फसल के मुआवजे की रकम बढ़ाने का फैसला लिया। इसके अलावा, बिजली विभाग में आउटसोर्स लाइनमैन को वेतन के अलावा हर महीने एक हजार रुपए जोखिम भत्ता भी दिया जाएगा। ग्वालियर मेडिकल कॉलेज के 1000 बिस्तर के अस्पताल में 972 नए पदों को भी मंजूरी दी है। इसके अलावा, इंदौर में देवी अहिल्याबाई होलकर का स्मारक बनाने के लिए 1.215 हेक्टेयर जमीन दी जाएगी।
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा- राजस्व विभाग के तहत आरबीसी 6/4 में संशोधन किया है। इसके बाद मध्यप्रदेश अब देश में सबसे ज्यादा फसल मुआवजा देने वाला राज्य बन गया है। बढ़ा मुआवजा 1 मार्च 2023 के बाद से खराब होने वाली फसलों के लिए दिया जाएगा।
बैठक में मंत्रियों को स्वल्पाहार में पूर्व में प्रचलित खाद्य सामग्री के स्थान पर श्री अन्न (मोटे अनाज या मिलेट्स) से बने व्यंजन परोसे गए। इनमें बिस्किट, सैंडविच, कटलेट, बाजरा, खिचड़ा, पापड़, खीर शामिल थी।
पढ़िए, मुआवजे का गणित
25% से 33% फसल के नुकसान पर
बारिश आधारित फसल के लिए 5500 रु. प्रति हेक्टेयर, सिंचित फसल के लिए 9500 रु. प्रति हेक्टेयर मुआवजा मिलेगा। बारहमासी (बुवाई, रोपाई से 6 महीने से कम समय में फसल नष्ट होने पर) 9500 रु. प्रति हेक्टेयर, बारहमासी (बुवाई, रोपाई से 6 महीने के बाद नुकसान होने पर) 16,000 रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मदद दी जाएगी। सब्जी, मसाले, ईसबगोल की खेती के लिए 19,000 रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा मिलेगा।
33% से 50% फसल के नुकसान पर
वर्षा आधारित फसल के लिए 8500 रु. प्रति हेक्टेयर, सिंचित फसल के लिए 16,500 रु. प्रति हेक्टेयर। बारहमासी (बुवाई, रोपाई से 6 महीने से कम अवधि में फसल नष्ट होने पर) 19,000 रु. प्रति हेक्टेयर, बारहमासी (बुवाई, रोपाई से 6 महीने के बाद फसल को नुकसान होने पर) 21,000 रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा। सब्जी, मसाले, ईसबगोल की खेती के लिए 27000 रु. प्रति हेक्टेयर, सेरीकल्चर (ऐरी, शहतूत और टसर) के लिए 6,500 रु. प्रति हेक्टेयर, मूंगा के लिए 8,000 रु. प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा।
50% से अधिक फसल के नुकसान पर
वर्षा आधारित फसल के लिए 17,000 रु. प्रति हेक्टेयर, सिंचित फसल के लिए 32,000 रु. प्रति हेक्टेयर। बारहमासी (बुवाई, रोपाई से 6 महीने से कम अवधि में फसल नष्ट होने पर) 32,000 रु. प्रति हेक्टेयर, बारहमासी (बुवाई, रोपाई से 6 महीने के बाद फसल नष्ट होने पर) 32,000 रुपए प्रति हेक्टेयर, सब्जी, मसाले, ईसबगोल की खेती के लिए 32,000 रुपए प्रति हेक्टेयर, सेरीकल्चर (ऐरी, शहतूत और टसर) फसल के लिए 13,000 रुपए प्रति हेक्टेयर और मूंगा के लिए 16,000 रु. प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा।
सरकारी जमीन पर पट्टे देने को मंजूरी
नगरीय क्षेत्रों में सरकारी जमीन पर रह रहे लोगों को धारणाधिकार पट्टे देने के लिए मुख्यमंत्री ने कुछ वक्त पहले घोषणा कर दी थी। इसे आज मंजूरी मिली। खासकर सिंधी समाज के लोग जो बाहर से आए हैं, उन्हें पट्टे दिए जाएंगे। पट्टे के लिए पात्रता अवधि (अधिभोग की तिथि में वृद्धि कर) 31 दिसंबर 2014 से बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2020 की गई है। 31 जुलाई, 2023 तक सक्षम प्राधिकारी को आवेदन करना होगा। जमीन के 30 साल के लिए स्थायी पट्टे जारी किए जाएंगे।