शेयर ट्रेडर की हत्या कर शव के 8 टुकड़े किए, बोरियों में भरकर नाले में फेंका, पढ़िए पूरी कहानी
जबलपुर में 52 दिन से लापता शेयर ट्रेडर का शव रविवार को बोरी में बरामद किया। बताया गया कि आरोपियों ने हत्या के बाद हैंड कटर से शव के 8 टुकड़े कर दिए। इसके बाद हर टुकड़े को पन्नी में पैक कर तीन बोरियों में भरकर नाले में फेंक दिया। पुलिस ने 7 टुकड़े बरामद किए हैं।
पुलिस ने गिरफ्तार आरोपी की निशानदेही पर ही नाले से टुकड़े बरामद किए। पूछताछ में उसने बताया कि मुख्य आरोपी लकड़ी टाल का मालिक है। उसने शेयर ट्रेडर की हत्या करने के बाद 1 मार्च को फांसी लगा ली। शेयर ट्रेडर और टाल मालिक के बीच पैसों को लेकर झगड़ा हुआ था।
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि टाल मालिक विनोद वर्मा उर्फ टोनी और शेयर ट्रेडर अनुपम शर्मा दोस्त थे। जब टाल मालिक को लगा कि पुलिस को उस पर शक हो गया है, तो उसने फांसी लगा ली।
4 साल से अकेला रह रहा था शेयर ट्रेडर
अनुपम शर्मा (45) गाडरवारा (नरसिंहपुर) का रहने वाला था। पत्नी से मनमुटाव के कारण 4 साल से जबलपुर में अकेला रह रहा था। एक साल पहले धनवंतरी नगर में जसूजा सिटी फेस-1 में मकान लिया था। उसका एक बेटा भी है। 16 फरवरी को वह लापता हो गया। 26 फरवरी को संजीवनी नगर थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई।
पिता को मैसेज- आश्रम जा रहा हूं…
जबलपुर एसपी टीके विद्यार्थी ने बताया कि आखिरी बार अनुपम उसके करीबी दोस्त विनोद वर्मा उर्फ टोनी के घर के पास दिखा था। टोनी से पूछताछ की, तो उसने बताया कि अनुपम दोपहर में मिलकर चला गया था। 16 फरवरी को ही अनुपम के मोबाइल नंबर से पिता को मैसेज आने लगे। इसमें लिखा- मैं जीवन में की गई गलतियों के सुधार के लिए अध्यात्म के रास्ते पर चलने आश्रम आ गया हूं। मौन व्रत रखने से संपर्क नहीं रख पाउंगा। 25 फरवरी को अनुपम के मोबाइल नंबर से अंतिम मैसेज नासिक से भेजा गया था।
हत्या के बाद शेयर को तलाशने का नाटक
जांच में पता चला कि अनुपम ने टोनी के जरिए से लोगों को लाखों रुपए उधार दे रखे थे। वसूली के लिए टोनी पर दबाव डाल रहा था। अपनी गैरमौजूदगी में अनुपम का घर आना भी टोनी को पसंद नहीं था। वह उस पर शक करता था। इस बीच, टोनी भी अनुपम को तलाश करने का नाटक करता रहा। जांच में पता चला कि अनुपम के मोबाइल से नासिक से मैसेज राम प्रकाश पुनिया ने भेजा है। राम प्रकाश टोनी का किराएदार है। राम प्रकाश ने पूछताछ में बताया कि 24 फरवरी को वह मुंबई जा रहा था। टोनी ने मोबाइल देकर कहा था कि ट्रेन जब नासिक पहुंचे तो मोबाइल ऑन कर कुछ देर बाद बंद कर देना। इसके बाद इसे ट्रेन में छोड़ देना। टोनी ने उससे कहा था कि वह अपने एक दोस्त के साथ मजाक कर रहा है।
CCTV जांचने पर झूठे निकले बयान
क्राइम ब्रांच ने टोनी के घर और लकड़ी की टाल के आसपास सीसीटीवी चेक किए तो राम प्रकाश पुनिया के बयान को गलत पाया गया। पूछताछ में 16 फरवरी की सुबह मुंबई से जबलपुर आना बताया था। लेकिन, सीसीटीवी में वह 15 फरवरी और 16 फरवरी की दोपहर 3 बजे से शाम 7 बजे तक घर के बाहर दिखा। यह वही समय था, जब अनुपम टोनी के घर आया था। पुनिया से जब सख्ती की गई, तो वह टूट गया। उसने टोनी के साथ मिलकर अनुपम की हत्या करना स्वीकार किया। उसने पुलिस को बताया कि उधार की रकम वापस नहीं ले पाने और किराया नहीं दे पाने पर वह टोनी के साथ अनुपम की हत्या में शामिल हुआ।
रस्सी से गला घोंटा, फिर शव के टुकड़े किए
टोनी ने 16 फरवरी की दोपहर अनुपम को पैसे के लेनदेन का निपटारा करने फोन कर बुलाया था। राम प्रकाश पुनिया को टोनी ने उसके भाइयों की लकड़ी की टाल पर भेज दिया था। राम प्रकाश ने रस्सी से अनुपम का गला घोंटा। टोनी, अनुपम के हाथ-पैर पकड़े रहा। अनुपम के शव को टोनी ने लकड़ी काटने वाले हैंड कटर से काटा। हर टुकड़े को पॉलिथीन में पैक किया और तीन बोरियों में भर दिया। प्लानिंग के मुताबिक, पुनिया ने अनुपम के कपड़े पहने। CCTV में दिखाने के लिए अनुपम का स्कूटर लेकर अनुपम के घर के रास्ते की तरफ चला। अनुपम के घर से पहले मेडिकल कॉलेज के पास स्कूटर खड़ा कर तिलवारा घाट पहुंचा। यहां टोनी आ चुका था। यहां से ही अनुपम के मोबाइल नंबर से उसके पिता को मैसेज भेजे थे।