छिंदवाड़ा में बिना अनुमति हो रहा रेत भंडारण, अवैध उत्खनन भी; प्रशासन बेपरवाह
छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा जिले में वर्तमान में रेत के भंडारण की अनुमति नहीं है। इसके बवजूद अनुमति वाले स्थानों पर रेत का भंडारण किया जा रहा है। यह रेत कहां से आ रही है, अधिकारी इसकी मॉनिटरिंग नहीं कर रहे हैं। यही कारण है कि भंडारण अनुमति की आड़ में रेत का अवैध कारोबार फल-फूल रहा है।
खनिज अधिनियम के तहत15 जून 2023 से जिले में रेत उत्खनन पर रोक लगी है। इसके बाद भी कई जगह रेत के अवैध भंडारण हो रहे हैं। जिले में मात्र करीब 8 जगह रेत भंडारण की अनुमति है। हकीकत में कई जगह आपको रेत के ढेर मिल जाएंगे। कई जगह तो एक अनुमति की आड़ में दो से तीन जगह रेत का भंडारण किया जा रहा है।
कोई मॉनिटरिंग नहीं
अनुमति के बाद इसकी मॉनिटरिंग न होना अवैध कारोबार को बढ़ावा दे रहा है। बारिश में नदी नालों से रेत उत्खनन पर रोक की वजह से बारिश के पूर्व बड़ी मात्रा में स्टॉक किया गया। इससे रेत की मनमानी कीमत वसूली जा रही है।
वैध के नाम पर अवैध स्टॉक
मंगलवार को भी ऐसा ही मामला सामने आया था। सौंसर क्षेत्र के ग्राम कढईया में जो स्टॉक सीज किया गया, उसी स्टॉक के पास दूसरा स्टॉक कर लिया गया। राजस्व टीम ने रेत जब्त किया। सूत्रों की मानें तो अधिकतर भंडारण स्थलों पर ऐसा ही खेल चल रहा है।
यहां हो रहा अवैध स्टॉक
जिले में जुन्नारदेव, दमुआ, न्यूटन, चौरई, चांद, सिंगोड़ी व सौंसर जैसे 12 से ज्यादा घाटों से अवैध उत्खनन किया जा रहा है। अवैध उत्खननकर्ता अलग-अलग जगह इसका भंडारण कर रहे हैं, ताकि पकड़े भी गए तो कुछ ट्रैक्टर रेत ही मिले। कई लोगों ने जंगल में भी रेत के टीले बना रखे हैं।
खनिज विभाग के दावे के बावजूद नदियों से रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है।
मामले में खनिज अधिकारी राजेंद्र परमार का कहना है कि रेत भंडारण की अनुमति समाप्त कर दी गई है। जहां भी भंडारण है, सीज कर लिए गए है। इसके बाद भी भंडारण से रेत उठ रही है, तो कार्रवाई की जाएगी।