छिंदवाड़ा में आज से रामलीला का मंचन, 134 साल से लगातार जारी है; दो महीने से कलाकर कर रहे प्रैक्टिस
छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा में आज यानी मंगलवार को भव्य रामलीला का मंचन किया जाएगा। 14 दिवसीय यह रामलीला पिछले 134 साल से लगातार जारी है। रामलीला की शुरुआत किरीट पूजन और मंच पूजन के साथ होगी। आयोजन छोटी बाजार स्थित रामलीला रंगमंच पर रोजाना 9 बजे होगा।
रामलीला मंडल के अध्यक्ष अरविंद राजपूत ने बताया कि रामलीला का मंचन पिछले 134 वर्षों से लगातार जारी है। यह रामलीला छिंदवाड़ा की सांस्कृतिक धरोहर के रूप में जानी जाने जाती है। श्री रामलीला मंडल छोटी बाजार की कार्यसमिति विशेष तैयारियों में जुटी है।
संरक्षक कस्तूरचंद जैन ने बताया कि कार्यक्रम का प्रारंभ किरीट पूजन से होगा। इसके बाद मंच पूजन कर रामलीला रंगमंच स्थित जीवंत समाधिस्थ चौबे बाबा का आह्वान किया जाएगा। मंगलाचरण के साथ श्रीराम के पहले दिन की लीला की शुरुआत होगी। इस दौरान अतिथियों का सम्मान स्वागत किया जाएगा।
134 वर्षों से जारी है रामलीला
मंडल के संरक्षक राजू चरणागर का कहना है कि अयोध्या से छिंदवाड़ा आए महासंत श्री रामदास जी “चौबे” बाबा की प्रेरणा से लोगों ने रामलीला की शुरुआत की। तब से ये सिलसिला लगातार जारी है। समिति में करीब 500 सदस्य हैं।
एलईडी स्क्रीन से मंच का बैकग्राउंड
मंडल के संरक्षक सतीश दुबे लाला ने बताया कि रामलीला मंच को 500 वर्गफीट से अधिक एलईडी स्क्रीन से तैयार किया गया है। कार्यक्रम के दौरान आधुनिक साज-सज्जा व टेक्नोलॉजी का भरपूर उपयोग किया गया है। इस दौरान निर्देशक नरेंद्र चंदेल के बताए अनुसार तकनीकी रूप से सुधार किए गए हैं।
महारामलीलाओं में से एक छिंदवाड़ा की रामलीला
समिति के उपाध्यक्ष रोहित द्विवेदी बंटी और कोषाध्यक्ष सुभाष साहू ने बताया कि इस रामलीला को महारामलीला भी कहते हैं। इसे देश के टॉप 5 और प्रदेश की प्रथम महारामलीला में शामिल किया गया है। इसके अलावा दिल्ली, जम्मू, मुंबई, लखनऊ और पत्थरचट्टी की महारामलीलाओं को ही ये गौरव प्राप्त है।
कलाकारों ने किया दो महीने अभ्यास
मुख्य निर्देशक वीरेंद्र शुक्ल के मुताबिक रामलीला के लिए कलाकार दो महीने से प्रैक्टिस कर रहे हैं। श्री रामलीला मंडल के सचिव राजेंद्र आचार्य व मीडिया प्रभारी ऋषभ स्थापक ने बताया कि श्री रामलीला मंचन को छोटी बाजार आकर या स्थानीय चैनल, यूट्यूब, फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया द्वारा भी प्रसारित किया जाएगा।
14 दिनों में इन लीलाओं का मंचन होगा
- जय-विजय प्रसंग, नारद मोह, रावण अत्याचार
- श्री राम जन्म मुनि आगमन व ताड़का वध
- धनुष यज्ञ, रावण बाणासुर संवाद, लक्ष्मण परशुराम संवाद
4. श्री राम वनगमन व तमसा तट
- निषादराज संवाद व दशरथ देहत्याग
- भरत मिलाप
- पंचवटी प्रवेश व खरदूषण वध
- सीता हरण
- सुग्रीव मित्रता व बाली वध
- लंका दहन
- विभीषण शरणागत व अंगद-रावण संवाद
- लक्ष्मण शक्ति
- कुंभकर्ण वध व मेघनाद वध
- अहिरावण वध, रावण वध व श्री राम राज्याभिषेक