इंदौर में बहन-पिता की हत्या कर मनोरोगी बेटा फरार, 36 घंटे फ्लैट में पड़े रहे शव
इंदौर। इंदौर में मनोरोगी बेटे ने रिटायर्ड बैंक अफसर पिता और बहन की हत्या कर दी। इसके बाद फ्लैट में ताला लगाकर भाग निकला। 36 घंटे तक शव वहीं पड़े रहे। युवक मानसिक रोग सिजोफ्रेनिया से (इसमें व्यक्ति को भ्रम होते हैं, हर किसी को दुश्मन भी समझ सकता है) पीड़ित है। बीमारी के कारण आरोपी आक्रामक था, पर अनजान लोगों से मुंह छुपाता था। घटना नौलखा क्षेत्र के वसुधैव कुटुम्बकम् अपार्टमेंट की है।
संयोगितागंज पुलिस के मुताबिक एसबीआई से रिटायर्ड कमल किशोर धामन्दे (76) और उनकी बेटी रमा अरोरा (53) के शव फ्लैट में मिले हैं। जांच में पता चला है कि हत्या बेटे पुलिन ( 43 ) ने सिलबट्टे से दोनों के सिर पर वार किया है।
आरोपी बेटा पिता के साथ ही रहता था, जबकि बहन खातीवाला टैंक में रहती थी। रविवार को वह पिता से मिलने आई थी। गार्ड के बयान से भ्रमित दूसरी बेटी क्षमा उन्हें गुमशुदा समझ रिपोर्ट दर्ज कराने थाने पहुंची। जब पुलिस ने फ्लैट का ताला तोड़ा, तो अंदर का दृश्य देखकर होश उड़ गए। आरोपी ने दोनों की अलग-अलग कमरों में हत्या कर दी थी। इसके बाद शव बाहर के कमरे में पटक कर चादर से ढंक दिया थे।

गार्ड ने कहा- दोनों ऑटो से गए
पिता-बहन को फोन नहीं लगा, तो श्रीनगर में रहने वाली बेटी क्षमा अपार्टमेंट पहुंची। यहां गार्ड बोला, पुलिन एक्टिवा से गया और पिता-पुत्री ऑटो से गए हैं। क्षमा को लगा कि वे अस्पताल गए होंगे, इसलिए निश्चिंत हो गई। रात 10.30 बजे भी फोन नहीं रिसीव हुआ, तो वह रमा के घर पहुंची। वहां भी ताला मिला। बुधवार को क्षमा थाने पहुंची।
कुछ महीने पहले ही रिहैब सेंटर से लौटा था बेटा
पुलिन 9वीं से ही सिजोफ्रेनिया से ग्रसित है। वह किसी से भी ज्यादा बात नहीं करता था। लोगों के सामने आने पर अखबार या अन्य वस्तु से मुंह छिपा लेता था। वह बहुत आक्रामक था। उसके व्यवहार से परेशान मां सिलिकॉन सिटी में अलग रहती है। वह पहले भी पिता पर हाथ उठा चुका है। परिजन का कहना है कि कुछ दिनों से वह ज्यादा परेशान कर रहा था। कुछ महीने पहले ही रिहैब सेंटर से आया था। दवाई खाना भी बंद कर दी थी।