चंबल का ऐसा स्कूल, जो कीचड़-गंदगी से घिरा, जर्जर बिल्डिंग में क्लासेस; बारिश में बच्चों की छुट्टी करनी पड़ती है
मुरैना (देवेश शर्मा)। एक तरफ सरकार पीएमश्री योजना के तहत स्कूलों को बेहतर बनाने पर काम कर रही है, लेकिन मुरैना जिले में जौरा का एक प्राइमरी स्कूल ऐसा है, जो सालभर में अधिकांश समय पानी और कीचड़ से घिरा रहता है। हालात ऐसे हैं कि बच्चों को इसी गंदगी में से होकर अंदर जाना होता है। बारिश के दिनों में और भी ज्यादा हालत खराब हो जाती है। इससे बीमारियों की आशंका भी रहती है।
रुनीपुर रोड पर स्थित है शासकीय प्राथमिक विद्यालय गुज्जा का पुरा। कल्लूराम डॉट कॉम के रिपोर्टर ने स्कूल की स्थिति देखी। स्कूल के प्राचार्य से बात की। पता चला कि सालभर में अधिकांश समय यहां ऐसी ही स्थिति रहती है। बड़ी बात ये है कि प्राचार्य भी इस हालत की शिकायत करते-करते थक चुके हैं, लेकिन स्कूल की किस्मत नहीं बदली।
Primary School surrounded by mud and dirt in Chambal
पहले जानिए, स्कूल की स्थिति
तहसील मुख्यालय जौरा से कुछ दूर स्थित इस स्कूल में करीब आसपास के गांवों के 95 से 100 बच्चे पढ़ते हैं। यहां जब टीम पहुंची, तो सामने कीचड़ हो रही थी। टीम इसी कीचड़ में से होकर बिल्डिंग के अंदर पहुंची। चारों ओर सिर्फ गंदा पानी, घास और कीचड़ जमा है। दरअसल, यहां पानी निकासी का इंतजाम नहीं है। इस कारण यहां पानी जमा हो जाता है। बच्चे इसी कीचड़ में से संभल-संभल कर बस्ता टांगे निकलते हैं। कई बार फिसलकर गिर भी जाते हैं।
Primary School surrounded by mud and dirt in Chambal
बाउंड्री ऐसी कि अब गिरी कि कब गिरी
बिल्डिंग की बात करें, तो इसमें चार कमरे हैं, लेकिन सभी की हालत जर्जर है। बारिश के दिनों में कमरों में छत से पानी टपकता है। जमीन भी गीली होने से बच्चे ठीक से बैठ भी नहीं पाते। ऐसे में कई बार बच्चों की जल्दी छुट्टी भी करनी पड़ती है। पास ही स्थित शौचालय भी टूटा पड़ा है। स्कूल की बाउंड्री इतनी जर्जर हो चुकी है कि हमेशा डर लगा रहता है कि पता नहीं कब गिर जाए। यही हाल स्कूल की बिल्डिंग का है। पानी से घिरा होने के कारण दीवारें भी कमजोर होती जा रही हैं।
गंदगी के बीच मध्यान्ह भोजन
इसी गंदगी में मच्छर भी होते हैं, जिससे बच्चे ठीक से पढ़ भी नहीं पाते। इसी गंदगी के बीच मध्यान्ह भोजन भी बनता है, जिससे बच्चों को बीमारी का खतरा रहता है। यहां तक की पीने का साफ पानी भी उपलब्ध नहीं हो पाता।
Primary School surrounded by mud and dirt in Chambal
शिकायत के बावजूद न तो भवन की मरम्मत की गई और न इसे शिफ्ट करने पर ध्यान दिया गया। नया भवन भी नहीं बनाया गया। यही हाल रहा तो किसी हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता।
कई बार शिकायत की, लेकिन कुछ नहीं हुआ
स्कूल के प्राचार्य नरोत्तम त्यागी बताते हैं कि स्कूल परिसर में पिछले पांच साल से लगातार पानी भर रहा है। चार से पांच बार वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं, लेकिन कुछ नहीं हुआ। हाल में कुछ दिन पहले मिट्टी डलवाई थी, बारिश में वह भी कीचड़ में तब्दील हो गई है। स्थिति ऐसी है कि कभी भी हादसा हो सकता है। नरोत्तम का कहना है कि स्कूल की जमीन पर भी लोगों ने टीनशेड कर अतिक्रमण कर लिया है।
क्या हादसे का इंतजार
पिछले हफ्ते रीवा के गढ़ में मकान की दीवार ढहने से चार बच्चों की मौत हो गई थी। इसी तरह, सागर के शाहपुर में भी जर्जर मकान की दीवार गिरने से 9 बच्चों की मौत हो गई थी। सवाल है कि अब क्या प्रशासन तीसरे हादसे का इंतजार कर रहा है?
Primary School surrounded by mud and dirt in Chambal