Sunday, December 8, 2024
MPCRIME

MP में गोवंश तस्करों पर पुलिस का एक्शन, 6 महीने  में एक हजार लोग गिरफ्तार, 500 केस दर्ज

Police action against cattle smugglers in MP, one thousand people arrested in 6 months, 500 cases registered, MP News, Today Updates, Kalluram News, Police Action

भोपाल। मध्य प्रदेश गोवंश तस्करों के खिलाफ पुलिस सख्त है। नतीजा, पिछले 6 महीने में 7 हजार से अधिक गोवंश मुक्त करवाए गए हैं। करीब एक हजार गोवंश तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। 500 एफआईआर भी दर्ज की गई हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पदभार ग्रहण करने के बाद दिसंबर 2023 में बैठक की थी। इस दौरान उन्होंने पुलिस को गोवंश तस्करी पर एक्शन के निर्देश दिए थे। तब से पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। तब से करीब 6 महीने में 575 केस रजिस्टर किए गए हैं। इन मामलों में 1,121 आरोपियों को गिरफ्तार कर 7,524 गोवंश मुक्त कराए गए हैं।  इस दौरान अवैध रूप से परिवहन कर रहे 342 वाहन भी जब्त किए गए हैं।

Police action against cattle smugglers in MP

यहां सबसे ज्यादा गोवंश तस्करी

दक्षिण व पश्चिम के सीमावर्ती जिले जैसे बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, उज्जैन, रतलाम, नीमच आदि जिले गौवंश के अवैध परिवहन सबसे ज्यादा हो रहा है।

पिछले 6 महीने में इन जिलों में बड़ी कार्रवाई

जिला प्रकरण आरोपी मुक्त कराए गोवंश जब्त वाहन
सिवनी 55 99 1301 38
बालाघाट 48 105 580 13
बैतूल 40 71 678 30
खरगोन 34 60 315 33
नीमच 23 38 346 26

इसलिए चलाया जा रहा अभियान

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 11 जून 2024 को कलेक्टर व एसपी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान गोवंश के अवैध परिवहन पर एक्शन के लिए कहा था। इसके बाद 13 से 20 जून 2024 तक प्रदेश में विशेष अभियान चलाकर कार्रवाई की गई। इस दौरान प्रदेश में 70 प्रकरण दर्ज किए गए। इसमें 124 आरोपियों पर कार्रवाई कर 38 वाहन जब्त किए गए।

Police action against cattle smugglers in MP

MP में गोवंश के लिए कानून 

  • मध्यप्रदेश गोवंश वध प्रतिषेध अधिनियम के अंतर्गत मध्यप्रदेश में गोमांस एवं गोवंश के अवैध परिवहन पर प्रतिबंध लगा है।
  • अधिनियम में गोमांस व गोवंश को परिभाषित करते हुए उनके वध एवं अवैध परिवहन पर रोक लगाई गई है।
  • मध्यप्रदेश कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम के अंतर्गत भी गौवंश के वध पर प्रतिबंध है।
  • पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम भी पशु को पीटने, अत्यधिक सवारी करने, बोझा लादने व पीड़ा या यातना देने पर रोक लगाता है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *