छिंदवाड़ा में सेहत से खिलवाड़, धड़ल्ले से बिक रहा मिलावटी मावा से बनी मिठाई; औपचारिकता के लिए सैंपलिंग
छिंदवाड़ा। दिवाली का त्योहार करीब आते ही मिलावटी खाद्य सामग्री आपकी सेहत बिगाड़ सकती है। छिंदवाड़ा में सस्ते में मावा-पनीर बिक रहा है। एक्सपर्ट का कहना है कि मिलावटी पनीर, दूध और मावा सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।
इसी मावा से मिठाई बनाई जा रही है। वहीं, खाद्य विभाग के अफसर कार्रवाई के बजाय सैंपलिंग कर खानापूर्ति कर रहे हैं।
दूसरे शहरों से आ रहा नकली मावा
त्योहारी सीजन में इंदौर, नागपुर, भिंड, मुरैना, जबलपुर, नरसिंंहपुर समेत अन्य जिलों से बड़ी मात्रा में मिलावटी और नकली मावा, पनीर पहुंच रही है। विभाग की मिली भगत से इसे अंजाम दिया जा रहा है।
इन दुकानों और डेयरी से लिए सैंपल
पवार डेयरी, पवार स्वीट्स, साहू डेयरी, न्यू पवार स्वीट्स, रिलायंस रिटेल मॉल, परासिया के रंगजी स्वीट्स, बीकानेर मिष्ठान, पंकज मिष्ठान, पीयूष डेली नीड्स, साईं स्वीट्स, कारखाना व दुकानों से सैंपल लिया गया है।
चेहरा देखकर सैंपलिंग
फूड विभाग आपैचारिकता और आंकड़ों की बाजीगरी के लिए सैंपल लेकर इतिश्री कर रहा है। सैंपल भी चेहरा देखकर लिए जाते हैं। नामचीन दुकानों पर सैपलिंग नहीं की गई है। दिखावे के लिए छोटे कारोबारियों पर कार्रवाई की जा रही है। जानकारों के मुताबिक अधिक मुनाफे के लिए मिलावटखोर मावा से क्रीम निकाल रिफाइंड से चिकना कर दे रहे हैं।
फूड एवं खाद्य विभाग अधिकारी गोपेश मिश्रा का कहना है कि चांदी और एल्युमीनियम की परख आसान है। उंगलियों से मसलने पर चांदी का वर्क गायब हो जाता है, जबकि एल्युमीनियम का वर्क लिपट जाता है। खाद्य सामग्री में मिलावट को रोकने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। तीन दिन में दो दर्जन से अधिक नमूने सील किए गए हैं। सैपलिंग की कार्रवाई की जा रही है।