Friday, November 15, 2024
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पंडित प्रदीप मिश्रा ब्रेन में सूजन के बाद इंदौर के अस्पताल में भर्ती, नीमच में कहा- किसी ने गुलाल की जगह नारियल फेंका

Pandit Pradeep Mishra admitted to Indore hospital after brain swelling, said in Neemuch - someone threw coconut instead of gulal, Pandit Pradip Mishra, Kalluram News, Neemuch, Today Updates

नीमच। सीहोर के कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के ब्रेन में डॉक्टरों ने ब्रेन में सूजन बताई है। उन्हें आराम की सलाह दी गई है। सोमवार को पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि 29 मार्च को आष्टा में महादेव होली खेलने के दौरान किसी ने गुलाल की जगह नारियल फेंका था। इस कारण चोट लग गई। उन्हें इंदौर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

डॉक्टरों ने कहा है कि दिमाग पर ज्यादा जोर नहीं देने की सलाह दी है। साथ ही, बिना परमिशन के कथा भी नहीं कर सकते।

पंडित प्रदीप मिश्रा सोमवार को नीमच के मनासा में शिवमहापुराण कथा करने पहुंचे थे। जहां उन्होंने खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर सात दिवसीय कथा निरस्त कर दी।

‘अस्पताल से छुट्टी करवा कर मैं आपके बीच आया’

पंडित मिश्रा ने कहा- आप हमारे दीदी हो, आप हमारे जीजा हो, भाई के दर्द को आप लोग जानते हैं। आप सब लोग यहां पहुंचे। आप सब लोगों को कष्ट हुआ। केवल वचन को निभाना था, इसलिए अस्पताल से छुट्‌टी करवा कर मैं आपके बीच आया हूं। उन्होंने कहा कि अगले साल विठलेश सेवा समिति कथा करने मनासा आएगी। उन्होंने कहा कि हमको थोड़ा बहुत भी अच्छा लगता है, तब ही आगे की कथाएं करेंगे, नहीं तो जो कथाएं आगे भी होने वाली थी, वो कैंसिल हो जाएंगी।

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कथा निरस्त हाेने के बाद सभी श्रद्धालु मायूस होकर लौट गए।

वापस लौटे लोग, कई महिलाएं रोने लगीं

मनासा में 1 अप्रैल से 7 अप्रैल तक कथा का आयोजन होना था। इसकी तैयारियां भी कर ली गई थीं। 31 मार्च को कलश यात्रा भी निकाली गई थी। कथा सुनने पहले ही दिन करीब 50 हजार लोग कथा पंडाल पहुंचे थे, लेकिन कथा निरस्त की घोषणा के बाद वे मायूस होकर लौट गए। कुछ महिलाओं की आंखों में आंसू आ गए और वे रोने लगीं।

व्यवस्थाओं को लेकर असमंजस 

शुरुआत से ही कथा के आयोजन को लेकर असमंजस की स्थिति रही। पहले प्रशासन ने 11 बिंदुओं पर कथा की अनुमति दी थी, लेकिन आयोजन के कुछ दिन पूर्व तक भी व्यवस्थाएं संतोषजनक नहीं होने पर प्रशासन ने अनुमति निरस्त कर दी। इसके बाद सामाजिक संगठन, राजनीतिक दलों और जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से चर्चा की। स्थानीय विधायक ने मुख्यमंत्री तक को अनुमति दिए जाने के संबंध में पत्र लिखा था। इसके बाद प्रशासन ने कथा की अनुमति दी थी।

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