हाईकोर्ट की सख्ती के बाद निशा बांगरे का इस्तीफा मंजूर, लड़ सकती हैं चुनाव
भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने डिप्टी कलेक्टर पद से निशा बांगरे का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद सोमवार देर शाम इस संबंध में आदेश जारी किया गया। इसके बाद अब उनके चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस आमला सीट से कैंडिडेट बदलकर निशा बांगरे को प्रत्याशी बना सकती है।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और सीनियर एडवोकेट विवेक तन्खा ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। तन्खा ने लिखा- सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश के पालन में निशा बांगरे का त्यागपत्र स्वीकार कर लिया गया है। अब निशा को आगे के रास्ते के बारे में सोचना पड़ेगा।
उन्होंने लिखा- यह कोई महिला अधिकारी की जीत नहीं है। यह नारी शक्ति की जीत है। शिवराज जी और उनके मुख्य सचिव ने कसर नहीं छोड़ी थी कि निशा का त्यागपत्र स्वीकार न हो। विजयादशमी के दिन आदेश हस्ताक्षरित हुआ। सत्य की जीत हुई।
वहीं, आमला से कांग्रेस प्रत्याशी मनोज मालवे ने बताया कि ‘मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं। पार्टी जो भी फैसला करेगी, मंजूर होगा।’ मनोज ने टिकट बदले जाने पर होने वाले विरोध को लेकर कहा, ‘अभी तो इस पर बात करने का औचित्य नहीं है। पार्टी ने मुझे अधिकृत तौर पर प्रत्याशी घोषित किया है। मैं फॉर्म भरने की तैयारी कर रहा हूं। जैसे ही, अच्छा मुहूर्त मिलता है, नामांकन दाखिल करूंगा।’
अब AICC करेगी फैसला
मध्यप्रदेश कांग्रेस की ओर से AICC (ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी) को यह सूचना भेजी जाएगी। दरअसल, निशा बैतूल की आमला सीट से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती हैं। इसके लिए उन्होंने डिप्टी कलेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन प्रदेश सरकार ने इस्तीफा मंजूर नहीं किया था। इसके बाद हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। इस्तीफा स्वीकार नहीं होने के चलते कांग्रेस ने रविवार को आमला से मनोज मालवे को प्रत्याशी घोषित कर दिया।
इसीलिए कांग्रेस ने होल्ड रखा कैंडिडेट…
सीनियर एडवोकेट विवेक तन्खा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार तक निशा के इस्तीफे पर निर्णय देने का आदेश दिया था। सोमवार तक शासन की ओर से इस्तीफे को लेकर जानकारी नहीं दी गई। कांग्रेस आलाकमान को इसी वजह से सोमवार तक टिकट होल्ड रखने का अनुरोध किया था। जब शासन ने आदेश नहीं दिया, तब उम्मीदवार घोषित कर दिया। सोमवार की तारीख का आदेश मंगलवार को जारी किया गया है। अब निशा और कांग्रेस पार्टी दोनों को सोचने की जरूरत है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- हाईकोर्ट जल्द फैसला सुनाए
19 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने जबलपुर हाईकोर्ट को आदेश दिए थे कि वह निशा बांगरे के इस्तीफे के मामले में जल्द फैसला करे। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस पमिदिघनतम श्री नरसिम्हा की डबल बेंच में सुनवाई हुई थी।
22 जून को दी थी इस्तीफे की जानकारी
निशा बांगरे ने 25 जून को आमला में अपने घर के उद्घाटन समारोह के दौरान सर्व धर्म प्रार्थना और धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए छुट्टी मांगी थी। उन्हें छुट्टी नहीं दी गई थी। इस पर बांगरे ने 22 जून को लैटर लिखकर इस्तीफे की जानकारी दी थी।