MP विधानसभा चुनाव में नारायण त्रिपाठी की पार्टी VJP से उतारे 25 प्रत्याशी, बढ़ सकती हैं भाजपा-कांग्रेस की मुश्किलें
भोपाल। टिकट नहीं मिलने से नाराज भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने खुद की पार्टी विंध्य जनता पार्टी (VJP) से 25 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। उन्होंने विंध्य इलाके से लेकर बुन्देलखंड, भोपाल और इंदौर तक की सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। त्रिपाठी ने कहा कि प्रदेश की सभी 230 सीटों में से 40 क्षेत्रों में प्रत्याशी घोषित किए जाएंगे। मैहर सीट से खुद नारायण त्रिपाठी चुनाव लड़ेंगे।
25 सीटों पर ये रहेंगे उम्मीदवार
- रैगांव- आरती वर्मा
- सतना- हरिओम गुप्ता
- मैहर- नारायण त्रिपाठी
- अमरपाटन- शशि सत्येन्द्र शर्मा
- सेमरिया-हासिफ मोहम्मद अली
- त्योंथर- कमांडो अरुण गौतम
- देवतालाब- कुंजबिहारी तिवारी
- गुढ़- शिवमोहन सिंह
- चुरहट-अरुण द्विवेदी
- सीधी- बाल्मीकि तिवारी
- सिहावल- आशीष मिश्रा
- चितरंगी- रामकृष्ण कोल
- सिंगरौली- कुंदन पांडेय
- ब्यौहारी- लेखन सिंह
- जयसिंहनगर- फूलमती सिंह
- जैतपुर- हीरालाल पनिका
- अनूपपुर- प्यारेलाल पनिका
- बांधवगढ़- धूप सिंह
- मानपुर- राजकुमार बैगा
- शहपुरा- मदन सिंह परस्ते
- डिंडोरी- सितार मरकाम
- भोपाल दक्षिण-पश्चिम- मनीष पांडेय
- अंबेडकर नगर महू- बैद्यनाथ मिश्रा
- बड़ा मलहरा- दिनेश यादव
नारायण बोले-40 सीटों पर उतारेंगे उम्मीदवार
विधायक नारायण त्रिपाठी ने कहा- बमुश्किल से समय आया कि हम अपने प्रत्याशी उतार सकें। ये चार दिन पहले दुर्घटना जैसे हुआ। इसमें वो लोग प्रत्याशी बने हैं, जो विंध्य के पुर्ननिर्माण के लिए शहादत देना चाहते हैं। आजादी के आंदोलन में जैसे लोग शामिल हुए थे। वैसे लोग आज विंध्य के पुर्ननिर्माण की लड़ाई के लिए साथ आ रहे हैं। 40 सीटों पर लड़ने का प्लान है।
त्रिपाठी बोले- सीएम ने मिलने को कहा, मैंने कहा- बाद में
नारायण त्रिपाठी ने कहा- हम विंध्य के पुर्ननिर्माण की बात पर ही सहयोग करेंगे। 2020 में जब शिवराज सिंह मुख्यमंत्री बने, तब बता दिया था कि 2023 तक भाजपा का विधायक रहूंगा, लेकिन भाजपा में नहीं रहूंगा। 6 दिन पहले जब टिकट घोषित हुआ, तब भी शिवराज जी से कह दिया था कि आप कैंडिडेट घोषित कर दीजिए। उन्होंने कहा था, मिल लो।
मैंने कहा टिकट घोषित करने के बाद मिलूंगा। भाजपा से चुनाव नहीं लडूंगा। कांग्रेस से हमारी बात चुनाव लड़ने को लेकर नहीं हुई। विंध्य हमारा मुद्दा था। यह उनको स्वीकार नहीं हुआ, इसलिए कांग्रेस पार्टी से बात नहीं बनी। तब हमारा दल ही नहीं बन पाया था। हमें मंच चाहिए था। हमारा पहला मुद्दा है विंध्य का पुर्ननिर्माण हो। उसमें जो सहयोगी बनेगा, हम उसके साथ जाएंगे। जब चुनाव का परिणाम आएगा, उसके बाद जो हमारे पक्ष में दिखेगा, हम उसके साथ जाएंगे।
बढ़ सकती हैं मुश्किलें
राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें, तो विंध्य क्षेत्र में नारायण त्रिपाठी का अच्छा जनसंपर्क है। इस कारण वहां भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों को मुश्किल हो सकती हैं। निश्चित रूप से VJP के प्रत्याशी वोट तो काटेंगे।