Sunday, June 8, 2025
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राजगढ़ सांसद कोरोना पॉजिटिव,  MP में एक्टिव केस 100 पार; भोपाल में 10, इंदौर में 5 नए पेशेंट

मध्यप्रदेश में फिर से कोरोना पैर पसार रहा है। राजगढ़ सांसद रोडमल नागर संक्रमित हो गए हैं। इसकी जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दी है। मध्यप्रदेश में सोमवार को 26 नए कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। प्रदेश में एक्टिव केस 101 हो गए हैं। इस साल यह पहली बार है, जब एक्टिव केस की संख्या 100 के पार गई है।

भोपाल में लगातार दूसरे दिन 10 से ज्यादा मरीज यानी 14 पॉजिटिव मिले हैं। इंदौर से 5 नए केस आए हैं। प्रदेश में अलग-अलग सेंटर पर 1496 लोगों ने सैंपल दिए थे। इससे पहले 2 अप्रैल को प्रदेश भर में 35 नए मरीज मिले थे। सबसे ज्यादा 27 मरीज भोपाल में मिले थे।

वैक्सीन के लगे सिर्फ 4 डोज

51 जिलों में 3 अप्रैल को सिर्फ वैक्सीनेशन के लिए 4 लोग पहुंचे। यह 4 डोज भी सिर्फ भोपाल में ही लगे हैं। बाकी 51 जिलों में कहीं भी 3 अप्रैल को वैक्सीन नहीं लगी। जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश में अभी तक 13,39,37,262 वैक्सीन के डोज लग चुके हैं। वहीं, भोपाल में इसकी संख्या 49,36,361 है।

एक नजर

  • अब तक कुल पॉजिटिव केस 6,10,55,173।
  • अभी तक प्रदेश में 10,777 लोग कोरोना से जान गंवा चुके हैं।
  • 10,44,295 लोग स्वस्थ हो चुके हैं।

11 अप्रैल को स्वास्थ्य संस्थाओं को मॉक ड्रिल की रिपोर्ट

कोविड के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए केंद्र सरकार अप्रैल में पेन इंडिया मॉक ड्रिल आयोजित कर रही है। इसके तहत प्रदेश की सभी स्वास्थ्य संस्थाओं की सुविधाओं को लेकर मॉक ड्रिल की जाएगी। यह मॉक ड्रिल 10-11 अप्रैल को होगी। रिपोर्ट कोविड-19 इंडिया पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। इस दौरान जिलों को आवश्यक मापदंडों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा है। इसमें अस्पतालों में बिस्तर क्षमता, आइसोलेशन बेड, ऑक्सीजन युक्त आइसोलेशन बेड, आईसीयू और वेंटिलेटर सहित बेड की नियत संख्या की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

सभी स्वास्थ्य संस्था मॉक ड्रिल का डाटा सीएमएचओ, जिला सर्विलांस अधिकारी से समन्वय कर 11 अप्रैल को शाम तक रिपोर्ट कोविड-19 इंडिया पोर्टल पर अपलोड करेंगे।

नहीं हो रहे जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट

दूसरी ओर प्रदेश में जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट भी नहीं हो रहे हैं। करीब साल भर पहले संचालक लोक स्वास्थ्य ने कलेक्टर, मेडिकल कॉलेज के डीन, CMHO, सिविल सर्जन को निर्देश दिया है। कहा है कि वे अपने यहां कोविड की RT-PCR टेस्ट में पॉजिटिव आने वाले संक्रमितों की जीनोम सीक्वेसिंग के लिए सैंपल भिजवाएं। बता दें कि जीनोम सीक्वेंसिंग एक तरह से किसी वायरस का बायोडेटा होता है।

कोई वायरस कैसा है, किस तरह का दिखता है। इसकी जानकारी जीनोम से मिलती है। इससे ही नए स्ट्रेन का पता चलता है। कोरोना के नए स्ट्रेन को वैज्ञानिक भाषा में जेनेटिक वैरिएंट कहते हैं। हर वैरिएंट का आकार, व्यवहार और नुकसान पहुंचाने की ताकत भी अलग-अलग होती है।

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