केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे का निधन, दिल्ली एम्स में ली आखिरी सांस; अंतिम संस्कार कल ग्वालियर में

भोपाल। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां राजमाता माधवी राजे सिंधिया का निधन हो गया। बुधवार सुबह करीब 9:28 बजे दिल्ली एम्स में उन्होंने आखिरी सांस ली। वे 75 साल की थीं। पिछले दो महीने से बीमार होने से दिल्ली एम्स में भर्ती थीं। उनकी पार्थिव देह बुधवार दोपहर 3 बजे से शाम 7 बजे तक दिल्ली वाले आवास पर रखी जाएगी। अंतिम संस्कार ग्वालियर में गुरुवार सुबह 11 बजे होगा।
माधवी राजे के निधन पर सीएम डॉ. मोहन यादव, पूर्व सीएम कमलनाथ, राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत समेत कई नेताओं ने दुख जताया है।
ज्योतिरादित्य के कार्यालय ने X पर दी जानकारी
इसी जानकारी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कार्यालय ने X पर दी। इसमें लिखा- बड़े दुःख के साथ ये साझा करना चाहते हैं कि राजमाता साहब नहीं रहीं। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माता व ग्वालियर राजघराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया जी का इलाज पिछले दो महीनों से दिल्ली के एम्स अस्पताल में चल रहा था। पिछले दो सप्ताह स्थिति बेहद क्रिटिकल थीं। आज सुबह 9.28 बजे उन्होंने दिल्ली के एम्स अस्पताल में आखिरी सांस ली। ॐ शान्ति।

राजमाता माधवी राजे सिंधिया का अंतिम संस्कार कल
सुबह 10 बजे: पार्थिव देह नई दिल्ली एयरपोर्ट से ग्वालियर के लिए रवाना की जाएगी। सुबह 10.45 बजे: ग्वालियर एयरपोर्ट पहुंचेगी। सुबह 11.15 बजे: यहां से रानी महल के लिए रवानगी। सुबह 11.45 बजे: रानी महल आगमन। दोपहर 12.30 से 2.30 बजे तक: अंतिम दर्शन। दोपहर 2.30 से 3 बजे तक: अंतिम यात्रा की तैयारी। दोपहर 3.30 बजे: अंतिम यात्रा छत्री के लिए रवाना होगी। शाम 5 बजे: छत्री में अंतिम संस्कार किया जाएगा।
Mother of Union Minister Jyotiraditya Scindia Madhavi Raje passes away
नेपाल के राणा राजवंश की राजकुमारी थीं माधवी राजे
सिंधिया राजपरिवार की बहू बनने से पहले भी माधवी राजे सिंधिया रॉयल फैमिली से ताल्लुक रखती थीं। उनके दादा नेपाल के प्रधानमंत्री और राणा राजवंश के प्रमुख जुद्ध शमशेर जंग बहादुर राणा थे। वे कास्की और लमजुंग के महाराजा और गोरखा के सरदार रामकृष्ण कुंवर के पैतृक वंशज थे। ऐसे में वे इस नेपाली राजघराने की राजकुमारी थीं। शादी से पहले उनका नाम किरण राज लक्ष्मी देवी था। 1966 में सिंधिया राजघराने के महाराज माधवराव से शादी के बाद वह किरण राजलक्ष्मी से माधवी राजे बनीं।
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2001 में माधवराव सिंधिया का निधन
माधवी राजे के पति और पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया का निधन 30 सितंबर 2001 को हुआ था। इसके बाद से वह काफी टूट गई थीं, लेकिन बेटे ज्योतिरादित्य और प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया की मार्गदर्शक रहीं। ज्योतिरादित्य हमेशा अपनी मां से सलाह करके फैसला लेते थे।
बेटे के लिए छोड़ी राजनीतिक विरासत
माधवराव सिंधिया के निधन के बाद कयास लगते रहे कि माधवी राजे राजनीति में कदम रख सकती हैं। साल 2004 के लोकसभा चुनाव में ग्वालियर चुनाव लड़ने की चर्चा भी थी। माना जा रहा था कि गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया और ग्वालियर से माधवी राजे मैदान में होंगी। माधवी राजे ने खुद को राजनीति से दूर ही रखा। पति माधवराव सिंधिया की राजनीतिक विरासत बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए छोड़ दी।
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ज्योतिरादित्य के भाजपा में जाने का निर्णय
मार्च 2020 में जब सिंधिया राजघराने के मुखिया ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने का निर्णय लिया था, तो पूरा परिवार उनके साथ था। बेटा और पत्नी के साथ माधवी राजे सिंधिया ने सपोर्ट किया था।
ज्योतिरादित्य कांग्रेस में पिता की विरासत छोड़कर जाने में संकोच कर रहे थे, लेकिन माधवी राजे ने मार्गदर्शक बनी रहीं। इसके बाद ही ज्योतिरादित्य ने इतना बड़ा फैसला लेकर अपनी दादी विजयाराजे सिंधिया की तरह बड़ा कदम उठाया था।
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