Sunday, June 8, 2025
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5 जून को केरल पहुंच सकता है मानसून, इस साल सामान्य बारिश का अनुमान

नई दिल्ली। इस साल 5 जून को केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून अनुमान है। इस बार यह चार दिन देरी से पहुंचेगा। इंडियन मीटियरोलॉजिकल डिपार्टमेंट यानी IMD के अनुसार मानसून 5 जून तक दक्षिणी राज्य में पहुंच सकता है। आमतौर पर यह 1 जून को केरल में दस्तक देता है। इसी के साथ देश में मानसून की आधिकारिक शुरुआत मानी जाती है।

पिछले साल यानी 2022 में मानसून 29 मई को केरल पहुंचा था। वहीं, 2021 में यह 1 जून को पहुंचा था।

इस साल सामान्य बारिश
मौसम विभाग के मुताबिक इस साल मानसून सामान्य रह सकता है। ऐसा होने पर देश में फूड ग्रेन प्रोडक्शन भी नॉर्मल रहेगा। यानी इससे महंगाई से राहत मिल सकती है। देश में किसान आमतौर पर 1 जून से गर्मियों की फसलों की बुआई शुरू करते हैं। इस समय मानसून की बारिश भारत में पहुंचती है। बुआई अगस्त की शुरुआत तक जारी रहती है।

किसे कहते हैं सामान्य बारिश
IMD के मुताबिक लॉन्ग पीरियड एवरेज (LPA) की 96% बारिश हो सकती है। यदि बारिश LPA के 90-95% के बीच होती है, तो इसे सामान्य से कम कहा जाता है। LPA 96%-104% हो तो इसे सामान्य बारिश कहा जाता है।

LPA अगर 104% से 110% के बीच है तो इसे सामान्य से ज्यादा बारिश कहते हैं। 110% से ज्यादा को एक्सेस बारिश और 90% से कम बारिश को सूखा पड़ना कहा जाता है।

इकोनॉमी के लिए अच्छी बारिश जरूरी
सालभर देश में जितनी बारिश होती है, उसका 70% पानी दक्षिण-पश्चिम मानसून में बरसता है। भारत में 70% से 80% किसान सिंचाई के लिए बारिश के पानी पर निर्भर हैं। ऐसे में उनकी पैदावार मानसून के अच्छे या खराब रहने पर निर्भर करती है। खराब मानसून होने पर महंगाई भी बढ़ती है।

एग्रीकल्चर सेक्टर की भारतीय अर्थव्यवस्था में हिस्सेदारी करीब 20% है। वहीं, देश की आधी आबादी को रोजगार कृषि क्षेत्र ही देता है। अच्छी बारिश का मतलब है कि आधी आबादी की आमदनी फेस्टिव सीजन से पहले अच्छी हो सकती है। जिससे उनकी खर्च करने की क्षमता भी बढ़ेगी।

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