‘विकास मॉडल’ को दिखाया आइना, 35 साल से नहीं बनी सड़क; लोग बोले- रोड नहीं तो वोट नहीं
छिंदवाड़ा। पूर्व सीएम कमलनाथ छिंदवाड़ा को विकास मॉडल बताकर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, भाजपा सरकार 18 साल की उपलब्धि बता रही है। इसी विकास मॉडल को आइना दिखा रहा है, सौंसर विधानसभा क्षेत्र का ग्राम खैरवाड़ा। यहां पिछले 35 साल से सड़क नहीं बनी है। ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार कर दिया है। गांव में बैनर लगा दिए हैं कि राेड नहीं, तो वोट नहीं।
हर कोई टाल देता है, किसी ने नहीं सुनी
ग्रामीणों का कहना है कि नेता भिखारी की तरह वोट मांगने आ जाते हैं। इसके बाद उनके पास हम भिखारियों की तरह रोड बनाने की गुहार लेकर जाते हैं। ग्रामीणों ने कहा कि कमलनाथ के पास जाओ, तो कहते हैं कि भाजपा की सरकार है। भाजपा के पास जाओ, तो कहते हैं कमलनाथ के पास जाओ। अधिकारियों को पास जाओ तो कहते हैं कि फंड नहीं है। गांव के छात्र छात्राओं को नदी के डैम से कूदकर जाना पड़ता है। ऐसे में छात्र-छात्राएं नदी में गिर सकते हैं। इस कारण इस बार चुनाव का बहिष्कार करेंगे। जो नेता रोड बनवाएगा, उसी को वोट देंगे।
बारिश में हो जाती है कीचड़
खैरवाड़ा से इंदिरा आवास कॉलोनी तक जाने के लिए दो किलोमीटर का रास्ता पूरी तरह कच्चा है। इस रास्ते में धूल और गड्ढे हैं। बारिश में यहां कीचड़ हो जाती है। इससे सभी को बहुत परेशानी आती है। स्कूल जाते समय बच्चे कीचड़ के कारण फिसल जाते हैं। लोगों के वाहन भी दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं।
खास है कि गांव और कॉलोनी तक आने-जाने का साधन नहीं है। लोगों को अपने वाहनों से ही आवाजाही करनी पड़ती है। गांव वालों का कहना है कि कई बार जन प्रतिनिधियों और अफसरों के पास गुहार लगाई, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
वोट मांगने आते हैं नेता
ग्रामीणों और छात्र-छात्राओं ने बताया कि यहां पूर्व मंत्री कमलनाथ, सांसद नकुल नाथ, पूर्व विधायक नानाभाऊ मोहोड़, विधायक नीलेश उइके से लेकर सभी कांग्रेस-भाजपा के नेता आ चुके हैं। उनके सामने सड़क बनाने की बात कही। सभी ने आश्वासन दिया।
सब्जी का सबसे अधिक पैदावार
ग्रामीणों ने बताया कि खैरवाड़ा में किसानों का मुख्य काम सब्जी का है। गुरैया के बाद इस क्षेत्र में सबसे अधिक सब्जी की पैदावार होती है। यहां सिंगल रोड है। वाहनों की आवाजाही में परेशानी होती है। बारिश में कीचड़ होने से वाहन फंस जाते हैं।
सीएम हेल्पलाइन में कर चुके शिकायत
ग्रामीण भोजेलाल चंद्रवंशी ने बताया कि रोड बनाने के लिए सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत कर चुके हैं। बावजूद कुछ नहीं हुआ। इसके अलावा कमलनाथ, नकुलनाथ, नानाभाऊ मोहोड़ सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के कई बार जा चुके हैं। किसी ने नहीं सुनी।
13 किमी घूमकर जाते छात्र
छात्रा निशा सरेयाम ने बताया कि गांव से शहर जाने के लिए यहां से पैदल तीन किमी पैदल बैतूल सड़क तक जाना होता है। वहीं, पास वाले रास्ते से जाने के लिए कुलबहरा नदी का डैम से कूदकर जाना पड़ता है। यदि यहां से रोड बन जाए, तो शहर महज दो किमी दूर है। इस बार जो रोड बनवाएगा, उसे वोट देंगे।