जीतू पटवारी का दावा -पहले चरण की 6 में से 4 सीटें जीतेंगे, PCC चीफ बोले- रोजगार मिल गया हो, तो मोदी को वोट देना
भोपाल। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने दावा किया कि पहले चरण के चुनाव में 6 में से 4 सीटें कांग्रेस जीतेगी। पटवारी ने कहा- 2014 में मोदी जी ने कहा था कि आपके बेटे को रोजगार दूंगा। अगर आपके बेटे को मिल गया है, तो फिर उनका वोट बनता है। अगर नहीं मिला, तो विचार करना पड़ेगा।
लोकसभा चुनाव के पहले चरण की छह सीटों के लिए बुधवार शाम प्रचार थम गया। इसके लिए 19 अप्रैल को वोटिंग होगी। बुधवार को पटवारी ने भोपाल में मीडिया से बात की।
पटवारी ने कहा- भाजपा ने कहा था कि मंहगाई कम कर दूंगा। अगर आपके परिवार में मंहगाई कम हुई है, तो मोदी जी को ही वोट दो। अगर मंहगाई बढ़ी है, तो कैसा वोट? ये राजनीतिक विचार से बड़ा लोकतंत्र को बचाने का विचार है। हम सजग देश के नागरिक हैं विचार करें और फिर बताएं मोदी से घर में सुकून संपन्नता आई है, तो वोट उन्हीं का बनता है। यदि नहीं आई है, तो उनको हराना चाहिए।
पटवारी बोले- छिंदवाड़ा में लोगों को डरा रहे विजयवर्गीय
जीतू पटवारी ने कहा- छिंदवाड़ा में चाहे कितनी भी कोशिश की हो। अमित शाह रात रुके। 6 मंत्री और मुख्यमंत्री ने दूसरे दिन वहां स्टे किया। हर दर्जे की अराजकता प्रदेश में देखी है। पूर्व मुख्यमंत्री के घर छापे डाले गए। इनके मंत्री कैलाश विजयवर्गीय वहां फुल टाइम बैठे रहे। लोगों को डराते धमकाते रहे और नोटिस दिलवाते रहे। वहां लोगों को डराया-धमकाया जा रहा है।
रेत, क्रेशर, ट्रांसपोर्ट वालों ने छोड़ी पार्टी
पटवारी ने कहा- भाजपा ने प्रदेश में अभियान चलाने की बात की थी कि हम कांग्रेस के लोगों को बीजेपी में जॉइन करा रहे हैं। उसके आसपास के सिनेरियो को जनता ने देखा, तो वो ये मैसेज दिखा कि हमारे पास प्रशासन है। रेत, क्रेशर, परिवहन का काम करने वाला जो साथी कांग्रेस में था। सरकार की तानाशाही और प्रशासन से जो डर सकता था, उन सबको ले गए। ऐसे में यह चुनाव महत्वपूर्ण हो जाता है।
चुनाव के बाद शिवराज को नहीं रखा
विधानसभा चुनाव शिवराज सिंह चौहान के चेहरे पर हुआ, लाडली बहना के नाम पर हुआ था। मोदी गारंटियां भी थीं, लेकिन जब रिजल्ट आए तो शिवराज जी को नहीं रखा। चौथी लाइन में बैठे व्यक्ति को चिट्ठी का मुख्यमंत्री बना दिया, यह डिक्टेटरशिप थी। ऐसे ही राजस्थान और छत्तीसगढ़ में किया। विपक्ष के लिए लोकतंत्र की हत्या करना अपनी जगह है, लेकिन पार्टी के अंदर भी तानाशाही है। अमित शाह की भाषा बताती है कि हम तानाशाह हैं। अगर गड़बड़ की, तो याद रखना हमारी विचारधारा कौन सी है।