जीतू पटवारी नए प्रदेश कांगेस अध्यक्ष बनाए, उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी; हेमंत कटारे उपनेता प्रतिपक्ष
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद प्रदेश कांग्रेस में बदलाव किया गया है। कमलनाथ की जगह जीतू पटवारी को मध्य प्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष बनाए गए हैं। डॉ. गोविंद सिंह की जगह उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है। वहीं, हेमंत कटारे को उपनेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कमलनाथ ने एक्स पर तीनों को बधाई दी है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने शनिवार देर शाम इसके आदेश जारी कर दिए हैं।
कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं पटवारी
नवम्बर 1973 में जन्मे जीतू पहली बार 2013 में राऊ विधानसभा से विधायक बने थे। वह प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के साथ-साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया पैनलिस्ट भी रह चुके हैं। वह मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष थे। उन्होंने 2018 में राऊ से दूसरी बार चुनाव जीता पर तीसरी बार 2023 के विधानसभा चुनाव में पटवारी को हार का सामना करना पड़ा है। वह प्रदेश में 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने पर उच्च शिक्षा, युवा और खेल मामलों के कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।
चौथी बार के विधायक हैं उमंग सिंघार
उमंग सिंघार (48 वर्ष) धार जिले के गंधवानी से चार बार जीतकर विधानसभा पहुंचे। दो बार लोकसभा प्रत्याशी रहे। कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव भी रहे। झारखंड- गुजरात चुनाव में सह प्रभारी भी रहे।

पूर्व नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे के बेटे हैं हेमंत कटारे
हेमंत कटारे पूर्व नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे के बेटे हैं। अटेर सीट से 2013 में विधायक बने। 2018 का चुनाव हारे। पिता अटेर सीट से 4 बार से विधायक और मप्र सरकार में गृह मंत्री रहे हैं। वे नेता प्रतिपक्ष भी रहे।
कांग्रेस ने जातियों को साधा
जीतू पटवारी इंदौर के राउ से विधायक थे। वह इस बार चुनाव हार गए। पटवारी ओबीसी वर्ग से हैं, जबकि उमंग सिंघार धार जिले की गंधवानी सीट से विधायक हैं। वे आदिवासी वर्ग से आते हैं। हेमंत कटारे भिंड जिले के अटेर विधानसभा सीट से विधायक हैं। वे ब्राह्मण वर्ग से आते हैं। उनके दिवंगत पिता सत्यदेव कटारे भी नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं।
मई 2018 में कमलनाथ को मिली थी जिम्मेदारी
कांग्रेस ने मई 2018 में कमलनाथ को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया था। तब बाला बच्चन, सुरेंद्र चौधरी, जीतू पटवारी और रामनिवास रावत को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। कमलनाथ ने संगठनात्मक मजबूती के लिए काम किया। नवंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 114 सीटें मिली थीं। हालांकि कांग्रेस विधायकों की बगावत के चलते मार्च 2020 में कमलनाथ सरकार गिर गई थी। तब से कमलनाथ लगातार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की भूमिका निभा रहे थे।