जीतू पटवारी बोले– OBC आरक्षण पेशी के लिए वकीलों को दी 100 करोड़ फीस, कहा- सर्वदलीय बैठक नहीं, सरकार केस वापस ले

भोपाल। सुप्रीम कोर्ट में पिछले 6 साल से विचाराधीन मध्यप्रदेश में ओबीसी वर्ग के 27 फीसदी आरक्षण का मुद्दा सुलझाने के लिए सरकार ने 28 अगस्त को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इसे लेकर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है।
Jeetu Patwari said- 100 crore fees were given to lawyers for presenting OBC reservation case
मंगलवार को भोपाल में कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय में पीसीसी चीफ जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। पटवारी ने कहा- पिछले 6 साल से शिवराज सिंह चौहान और मोहन यादव की सरकार के कारण ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण देने का मामला अटका है। सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग समय में पेशी के लिए वकीलों को 100 करोड़ से अधिक की फीस चुकाई गई है।
पटवारी ने कहा- इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में हमारी ओर से ओबीसी वर्ग का पक्ष रखने के लिए सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी और विवेक तन्खा रहेंगे। कांग्रेस पार्टी सुप्रीम कोर्ट में अवमानना का केस भी दायर करेगी।
Jeetu Patwari said- 100 crore fees were given to lawyers for presenting OBC reservation case
वहीं, उमंग सिंघार ने कहा कि कमलनाथ सरकार में इस संबंध में विधानसभा में अध्यादेश लाए थे। कानून भी बन गया। अब ओबीसी को 27% आरक्षण बिना देरी मिले। मुख्यमंत्री भी बयान देते हैं कि वो भी ओबीसी को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। फिर इस पर विवाद क्यों है।
पटवारी बोले- अटॉर्नी जनरल को एक पेशी के 25 लाख दिए
पीसीसी चीफ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अलग-अलग समय पर 120 बार सुनवाई हुई। विधानसभा में सरकार ने जवाब में बताया कि सॉलिसिटर जनरल को एक बार की तारीख के लिए 25 लाख रुपए दिए गए। अन्य वकील को हर पेशी पर 22 लाख रुपए दिए गए।
कांग्रेस ने की थी आरक्षण लागू करने की व्यवस्था
पटवारी ने कहा कि भाजपा की बी टीम ने इस अध्यादेश के खिलाफ कोर्ट में याचिका लगा दी। इसके बाद हमने विधानसभा में कानून पारित किया, राज्यपाल से स्पष्टीकरण लिया गया। 27% आरक्षण लागू करने की व्यवस्थित व्यवस्था कमलनाथ जी की सरकार ने की।
Jeetu Patwari said- 100 crore fees were given to lawyers for presenting OBC reservation case
भाजपा ने 8 अगस्त को फिर से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया। इससे पहले, 2021 में प्रदेश सरकार ने विभागों को निर्देश दिया कि अगले आदेश तक किसी भी विभाग में 27% ओबीसी आरक्षण लागू न किया जाए। इसी तरह 13% होल्ड पदों पर नियुक्ति नहीं देने का आदेश भी दिया।
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