Friday, June 6, 2025
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इंदौर हाईकोर्ट का आदेश- ज्ञानवापी की तरह होगा धार भोजशाला का सर्वे; 5 एक्सपर्ट 6 सप्ताह में देंगे रिपोर्ट

Indore High Court's order - Survey of Dhar Bhojshala will be done like Gyanvapi; 5 experts will give report in 6 weeks, Dhar, Gyanwapi, Kalluram News, Dhar Bhojshala ASI Survey Hearing Update; Mandir Vs Masjid
हिंदू संगठन के लोगों ने भोजशाला जाकर खुशी मनाई।

धार। इंदौर हाईकोर्ट ने धार भोजशाला का सर्वे ज्ञानवापी की तर्ज पर कराने के आदेश दिए हैं। सोमवार को इस मुद्दे पर कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) को 5 एक्सपर्ट की टीम बनाकर 6 सप्ताह में सर्वे रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है। 

हाईकोर्ट ने सर्वे को GPR-GPS तरीके से करने के लिए कहा है। GPR यानी ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार जमीन के अंदर विभिन्न स्तरों की हकीकत जांचने की टेक्नीक है। इसमें रडार का उपयोग होता है। यह अदृश्य यानी छिपी वस्तुओं के विभिन्न स्तर, रेखाओं और संरचनाओं का माप लेता है। इसी तरह, GPS सर्वे यानी ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम के तहत भी सर्वे किया जाएगा। सर्वे की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराई जाएगी।

हिंदू पक्ष के वकील एडवोकेट विष्णुशंकर जैन ने बताया कि सर्वे दोनों पक्षों की मौजूदगी में होगा। इससे भोजशाला के मूल स्वरूप की सच्चाई सामने आ सकेगी।

इस आधार पर कोर्ट ने स्वीकार की मांग 

हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने 1 मई 2022 को इंदौर हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि हर मंगलवार को हिंदू भोजशाला में यज्ञ कर उसे पवित्र करते हैं। शुक्रवार को मुसलमान नमाज के नाम पर यज्ञ कुंड को अपवित्र कर देते हैं। इसे रोका जाए।

भोजशाला का पूर्ण आधिपत्य हिंदुओं को सौंपा जाए। इसके लिए आवश्यक हो तो संपूर्ण भोजशाला की फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी और खुदाई करवाई जाए। हाईकोर्ट ने इन बिंदुओं के आधार पर सर्वे की मांग स्वीकार कर ली है।

Indore High Court's order - Survey of Dhar Bhojshala will be done like Gyanvapi; 5 experts will give report in 6 weeks, Dhar, Gyanwapi, Kalluram News, Dhar Bhojshala ASI Survey Hearing Update; Mandir Vs Masjid
हिंदू संगठन के लोगों ने आतिशबाजी भी की।

भोजशाला से जुड़ा विवाद क्या है

भोजशाला राजा भोज ने बनवाई थी। यह यूनिवर्सिटी थी, जिसमें वाग्देवी की प्रतिमा स्थापित की गई थी। मुस्लिम शासक ने इसे मस्जिद में परिवर्तित कर दिया था। इसके अवशेष प्रसिद्ध मौलाना कमालुद्दीन मस्जिद में देखे जा सकते हैं। यह भोजशाला के कैंपस में स्थित है, जबकि देवी प्रतिमा लंदन के म्यूजियम में रखी है।

भोजशाला में मंगलवार को हिंदू पक्ष को पूजा-अर्चना करने की अनुमति है। शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष को नमाज पढ़ने के लिए दोपहर 1 से 3 बजे तक प्रवेश दिया जाता है। इसके लिए दोनों पक्षों को नि:शुल्क प्रवेश मिलता है। बाकी दिनों में 1 रुपए का टिकट लगता है। इसके अलावा, वसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा के लिए हिंदू पक्ष को दिनभर पूजा-हवन की अनुमति है।

साल 2006, 2012 और 2016 में शुक्रवार को वसंत पंचमी आई, तो विवाद की स्थिति बनी। वसंत पंचमी पर हिंदू पक्ष को पूजा, जबकि शुक्रवार होने से मुस्लिमों को नमाज की अनुमति भी है। ऐसे में वसंत पंचमी शुक्रवार को आने पर समझाइश के बीच पूजा और नमाज दोनों करवाए जाते हैं। अगली बार ऐसी स्थिति 2026 में बन सकती है।

भोजशाला का इतिहास

हिंदू पक्ष का कहना है कि यह सरस्वती देवी का मंदिर है। सदियों पहले मुसलमानों ने इसकी पवित्रता भंग करते हुए यहां मौलाना कमालुद्दीन की मजार बनाई थी। भोजशाला में आज भी देवी-देवताओं के चित्र और संस्कृत में श्लोक लिखे हुए हैं। अंग्रेज भोजशाला में लगी वाग्देवी की प्रतिमा को लंदन ले गए थे।

याचिका में कहा गया है कि भोजशाला हिंदुओं का उपासना स्थल है। मुसलमान नमाज के नाम पर भोजशाला के भीतर अवशेष मिटाने का काम कर रहे हैं।

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