इंदौर कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम नाम वापस लेकर भाजपा में शामिल, 17 साल पुराने मामले दर्ज किया था केस; अब 14 उम्मीदवार मैदान में

इंदौर। इंदौर में सोमवार को पॉलिटिकल ड्रामा देखने को मिला। इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम नाम वापस लेकर भाजपा में शामिल हो गए। दोपहर में दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। कलेक्टर कार्यालय में उनके बीच धक्कामुक्की की। दरअसल, इस सीट पर भाजपा निर्विरोध निर्वाचन कराने की कोशिश में है। इसे देखते हुए बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता भी कलेक्ट्रेट स्थित जिला निर्वाचन कार्यालय पहुंच गए। कांग्रेस नेताओं ने आशंका जताई है कि अधिकारी भाजपा के दबाव में हैं।
सोमवार दोपहर 3 बजे तक 23 में से 9 ही उम्मीदवारों ने नाम वापस लिए। अब इंदौर लोकसभा सीट पर भाजपा के शंकर लालवानी समेत 14 उम्मीदवार मैदान में हैं।
बता दें कि तीन दिन पहले अक्षय कांति बम के खिलाफ 17 साल पुराने मामले में पुलिस ने धारा 307 बढ़ाई है।
इससे पहले, इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने सोमवार को नामांकन वापस ले लिया। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और भाजपा विधायक रमेश मेंदोला के साथ अक्षय फॉर्म वापस लेने कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। इसके बाद उन्होंने भाजपा भी जॉइन कर ली।
विजयवर्गीय ने होटल में की प्लानिंग
मंत्री विजयवर्गीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ‘इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम का भाजपा में स्वागत है।’
बताया जाता है कि मंत्री विजयवर्गीय ने हाईकमान को भरोसे में लेकर होटल में इसकी प्लानिंग की। अक्षय ने नाम वापसी पर अनहोनी की आशंका भी जताई। कहा- कांग्रेसी बवाल कर देंगे। प्लान में भाजपा विधायक रमेश मेंदोला की भी एंट्री कराई गई। अक्षय को फॉर्म वापस लेने भी मेंदोला के साथ भेजा। विजयवर्गीय खुद बाहर डटे रहे। फिलहाल, अक्षय कांति बम के घर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

इस घटनाक्रम की वजह से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कार्यक्रम में भी बदलाव हुआ है। झारखंड में चुनाव प्रचार के बाद मुख्यमंत्री भोपाल आने वाले थे। अब वे सीधे इंदौर पहुंचेंगे। वहां से भोपाल आएंगे।
पटवारी बोले- अक्षय को धमकाया गया
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि अक्षय कांति बम पर तीन दिन पहले पुराने मामले में 307 की धारा बढ़वाई गई। डराया गया। धमकाया गया। रातभर यातना दी गई। आज उसको साथ ले जाकर फॉर्म वापस निकलवा लिया गया।
ग्वालियर में रविवार को पटवारी ने कहा, ‘इंदौरवासियों, ये मैसेज है कि आपको वोट के अधिकार का इस्तेमाल नहीं करना है। मैं प्रार्थना करता हूं कि आपको अगर लोकतंत्र में विश्वास है, तो इस तानाशाही के खिलाफ खड़ा होना पड़ेगा।’ पीसीसी चीफ ने ये बात ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र में आने वाले करैरा कस्बे में कांग्रेस प्रत्याशी प्रवीण पाठक के समर्थन में ली जनसभा में कही।
इन्होंने नामांकन वापस लिया
1.अक्षय कांति बम (कांग्रेस)
2.नासिर मोहम्मद (आम भारतीय पार्टी)
3.भावना संगेलिया (जनता कांग्रेस)
4.विजय इंगले (रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया-ए)
5.धर्मेंद्र सिंह झाला, भूतपूर्व वायु सैनिक (निर्दलीय)
6.जयदेव परमार (निर्दलीय)
7.लीलाधर चौहान (निर्दलीय)
8.सुनील कुमार अहिरवार (निर्दलीय)
9.दिलीप ठक्कर (निर्दलीय)
अब मैदान में ये लोग बचे
1.शंकर लालवानी (भाजपा)
2.संजय सोलंकी (बहुजन समाज पार्टी)
3.पवन कुमार (अखिल भारतीय परिवार पार्टी)
4.अर्जुन सीताराम (बहुजन मुक्ति पार्टी)
5.बसंत गेहलोत (जनसंघ पार्टी)
6.अजीत सिंह निहाल सिंह (कम्युनिस्ट)
7.परमानंद तोलानी (निर्दलीय)
8.अभय कुमार जैन (निर्दलीय)
9.अयाज अली (निर्दलीय)
10.अंकित गुप्ता (निर्दलीय)
11.पंकज रमेश (निर्दलीय)
12.मुदित चौरसिया (निर्दलीय)
13.रवि सिरवैया (निर्दलीय)
14.लविश खंडेलवाल (निर्दलीय)
खजुराहो की तरह समर्थन देने का ऑप्शन
कांग्रेस खजुराहो सीट की तरह किसी निर्दलीय या छोटे दल के प्रत्याशी का समर्थन कर सकती है। इसके लिए प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी सक्रिय हो गए हैं। बता दें कि खजुराहो लोकसभा सीट पर I.N.D.I. गठबंधन के उम्मीदवार का नामांकन रिजेक्ट हो गया था। अब यहां कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के उम्मीदवार आरबी प्रजापति को समर्थन दे दिया है। अब वे ही भाजपा प्रत्याशी VD शर्मा के सामने I.N.D.I. गठबंधन का चेहरा हैं।

विधानसभा चुनाव के बाद 5 बड़े नेता भाजपा में शामिल
विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में कांग्रेस से जुड़े 5 नेताओं ने भाजपा जॉइन कर ली है। हाल ही में इंदौर-1 सीट से पूर्व विधायक संजय शुक्ला और विशाल पटेल भाजपा में आए हैं। शुक्ला को मंत्री विजयवर्गीय विधानसभा चुनाव में हरा चुके हैं। वहीं, विशाल पटेल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी से नाराज बताए जा रहे थे।
इससे पहले, महू से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे रामकिशोर शुक्ला, अंतर सिंह दरबार भी भाजपा में आ चुके हैं। शुक्ला पहले भाजपा में थे, वे महू से टिकट मांग रहे थे। नहीं मिला तो कांग्रेस में चले गए थे। अंतर सिंह दरबार कांग्रेस से टिकट चाह रहे थे, उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो निर्दलीय उतरे थे।
शिक्षा जगत से जुड़े स्वप्निल कोठारी इंदौर-5 सीट से टिकट मांग रहे थे, लेकिन उन्हें प्रियंका गांधी से नजदीकी के बावजूद टिकट नहीं मिल सका था।