भारत-अमेरिका की वायुसेना का बड़ा अभ्यास, चीन को कड़ा संदेश देने की तैयारी
नई दिल्ली। भारतीय-अमेरिका की वायुसेना 10 अप्रैल से संयुक्त रूप से ‘कोप इंडिया’ नाम से बड़ा अभ्यास करने जा रही है। ये दो हफ्ते तक चलेगा। इससे चीन को कड़ा संदेश देने की तैयारी है। इसके तहत भारतीय वायुसेना के राफेल, सुखोई, तेजस और अमेरिकी वायुसेना के F-15 पश्चिम बंगाल के कलइकुंडा एयर बेस से उड़ान भरेंगे। खास है कि इस अभ्यास में जापान ऑब्ज़र्वर की भूमिका में होगा।
कलइकुंडा एयरबेस से होने वाला ये अभ्यास इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योकि यहां बंगाल की खाड़ी के इलाके में लंबा एयर ऑपरेशन चलाया जा सकता है यानी अगर भविष्य में चीन ने बंगाल की खाड़ी के में दुस्साहस किया, तो इसी एयर बेस को एक्टिव कर समुद्र के ऊपर उड़ान भरते हुए ऑपरेशन को अंजाम दिया जा सकता है। ये एयर बेस LAC भी ज्यादा दूर नहीं है। अगर चीन ने LAC पर दुस्साहस किया, तो भी यहीं से फाइटर एलएसी तक पहुंचते हुए चीन को सबक सिखा देंगे। ये अभ्यास भारत और अमेरिका के फ्री और ओपन इंडो पैसेफिक रीजन के प्रयासों और प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।
भारत- अमेरिका और जापान युद्ध कौशल को करेंगे साझा
इसका मकसद तीनों देशों के बीच तालमेल और समन्वय को मजबूत करना, एक-दूसरे के युद्ध कला सीखना है। चूंकि भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान एक साथ भी और अलग-अलग भी युद्ध कौशल अभ्यास के जरिए एक-दूसरे के साथ साझा कर रहे हैं। चीन को घेरने के लिए कई अलग-अलग फ़्रंट पर कई ताकतवर देश एक साथ आए, जिसमें अमेरिका, फ्रांस, यूके, ऑस्ट्रेलिया, जापान सहित कई ईस्ट एशिया के देश भी शामिल हैं।
भारत ने 3 बड़े इंटरनेशनल एयर एक्सरसाइज में लिया हिस्सा
चीन के समुद्र में घेरने के लिए क्वाड समूह का गठन हुआ। पिछले कुछ समय में जिसमें भी वायुसेना के अभ्यास जिन्हें या तो भारत ने आयोजित किया या फिर भारत उनमें शिरकत करने गया। ख़ास है कि इसी साल भारतीय वायुसेना ने एक साथ तीन बड़े इंटरनेशनल एयर एक्सरसाइज में हिस्सा लिया। इनमें यूएई में आयोजित डेजर्ट फ्लैग मल्टी नेश्नल एक्सरसाइज में हिस्सा लिया। पहली बार भारतीय वायुसेना के 5 तेजस किसी दूसरे देश मे मल्टीनेशनल अभ्यास में शामिल हुए।
दुनिया की बड़ी ताकतें भी जुटीं
वहींं, यूके की तरफ से आयोजित एक्सरसाइज कोबरा वॉरियर जिसमें यूके के अलावा स्वीडन, फिनलैंड, साउथ अफ़्रीका, सिंगापुर और अमेरिका के साथ भारत भारतीय वायुसेना के मिराज 2000 ने हिस्सा लिया। वहीं, जापान के साथ वायुसेना के हैवी लिफ्ट ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट C-17 ग्लोबमास्टर के साथ शिन्यू मैत्री अभ्यास किया। इसके अलावा, जापान के साथ तो पहली बार वायुसेना के अभ्यास की शुरुआत भी इसी साल वीरगार्डियन अभ्यास से हुई। इसमें भारतीय वायुसेना के सुखोई 30 और जापान के F-2 और F-15 ने 16 दिन तक रणकौशल को साझा किया।