छिंदवाड़ा में पूर्व जनपद अध्यक्ष ने फर्जी बिल लगाकर निकाले रुपए, जांच समिति गठित
छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा में कुछ लोगों ने गांगीवाड़ा की सरपंच और पूर्व जनपद अध्यक्ष व सचिव पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। गांव के लोगों प्रशासन से शिकायत भी की है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि सरपंच और सचिन ने साठगांठ कर स्टॉप डैम में फर्जी बिल लगाकर रुपए निकाल लिए। जिला पंचायत सीईओ ने मामले की जांच के लिए समिति गठित की है।
शनिवार को ग्राम पंचायत गांगीवाड़ा के पंच जिला पंचायत कार्यालय पहुंचे। यहां शिकायत की कि सरपंच संगीता परतेती और सचिव अनीता उईके ने ग्राम पंचायत में किए कामों में अनियमितता बरती है। पंचों का कहना है कि दोनों ने पुराने काम को नया बताकर लाखों रुपए निकाल लिए। पंचायत में नाली निर्माण के लिए 2 लाख 36 हजार रुपए मिले थे, लेकिन सरपंच व सचिव ने नाली निर्माण नहीं करवाया, जबकि पुराने काम को नया दर्शा कर राशि निकाल ली।
इसके अलावा, कुलवेहरा नदी पर वर्ष 2009 में आईईएस डैम का निर्माण कराया गया था। इसका जीर्णोद्धार करने के लिए गांगीवाड़ा पंचायत ने लाखों रुपए निकाल लिए। यही नहीं, मनरेगा योजना के तहत आठ लाख से अधिक रुपए निकाल लिए। पंचों ने इसकी जांच की मांग की है। हकीकत में स्टॉप डैम मजबूत है, उसमें निर्माण कार्य नहीं कराया गया है। सिर्फ पुताई कर लाखों रुपए निकाल लिए गए। सरपंच-सचिव गांगीवाड़ा की कार्यप्रणाली को लेकर पंच व गांव वाले नाराज हैं। इसे लेकर पंचों ने मोर्चा खोल दिया है।
इसी तरह, पंचायत में हर महीने 4 से 5 लाख रुपए का भुगतान किया जाता है। शिकायत के आधार पर जिला पंचायत सीईओ पार्थ जैसवाल ने तीन सदस्यीय जांच टीम बनाई है। इसमें एसडीओ आईपी ढाकरे, एपीओ मनरेगा भूपेंद्र चौधरी और पंचायत समन्वयक पीएन राव को 15 दिनों में रिपोर्ट सौंपपा है।