गुना बस हादसे में मारे गए सभी लोगों की पहचान, DNA रिपोर्ट के बाद शव परिजन को सौंपे
गुना। गुना बस हादसे के मारे गए सभी लोगों की पहचान हो गई। डीएनए रिपोर्ट आने के बाद सभी 11 लोगों के शव सोमवार को परिजन को सौंप दिए गए। इधर, आरोपी बस मालिक को कोर्ट ने जेल भेज दिया गया है। 27 दिसंबर को हादसे में 13 लोगों की जलने से मौत हो गई थी।
पता चला है कि आरोपी बस मालिक भानु प्रताप सिकरवार पर और भी कई केस दर्ज हैं। एक केस में उसे दो सालल की सजा भी हो चुकी है। आरोपी पर हत्या के प्रयास, बलवा, मारपीट, SC-ST एक्ट सहित कई मामले दर्ज हैं।
प्रभारी SP मान सिंह ठाकुर ने बताया कि रविवार को आरोपी बस मालिक भानुप्रताप सिंह (42) पुत्र स्व. बाबू सिंह सिकरवार निवासी विंध्याचल कॉलोनी गुना को गिरफ्तार कर लिया गया। उसने पानीपत में फरारी काटी थी।
एक-दूसरे से चिपके मिले थे सात शव, अंग गिर रहे थे
हादसे की वीभत्सता इसी से समझ सकते हैं कि बस से शवों को उठाने में भी अंग गिर रहे थे। बस के अंदर से जो 9 शव निकाले गए, उनमें 7 एक-दूसरे से चिपके हुए थे। इनको बाहर निकालने में कर्मचारियों के हाथ कांप गए। शव ऐसे जले कि घरवाले तक नहीं पहचान पाए थे।
6 शव गुना के जिला अस्पताल में रखे गए, जबकि 7 शिवपुरी अस्पताल भेजे गए थे। गुना जिला अस्पताल में गुरुवार सुबह डॉ. ध्रुव कुशवाह, डॉ. सुनील दांगी, डॉ. सतीश सिनोरिया, डॉ. महेंद्र सिंह किरार और डॉ. कमल सिंह मीणा के पैनल ने शवों का पोस्टमॉर्टम किया। शवों की शिनाख्त के लिए DNA जांच की गई। लापता लोगों के परिजन के ब्लड सैंपल लेकर मैच किए गए। इसके बाद सोमवार को DNA जांच रिपोर्ट के आधार पर शवों की शिनाख्त कर परिवार वालों को सौंपे गए।
13 लोग जिंदा जल गए थे
27 दिसंबर की रात करीब साढ़े 8 बजे बस गुना से आरोन की ओर जा रही थी, तभी सामने से आ रहे एक डंपर से टक्कर हो गई। टक्कर लगते ही बस पलट गई और उसमें आग लग गई थी। 11 लोग बस के अंदर ही जल गए। हादसे में कुल 13 लोगों की मौत हुई है। घायलों को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 4 घायलों को इलाज के लिए रेफर कर दिया गया। इस मामले में सरकार ने कलेक्टर और SP को हटा दिया है। गुना RTO और नगरपालिका CMO को सस्पेंड कर दिया है।
आरोपी पर 10 मामले हैं दर्ज
आरोपी भानु प्रताप सिंह पर कई थानों में मामले दर्ज हैं। सबसे ज्यादा कोतवाली थाने में उस पर मामले दर्ज हैं। उस पर हत्या के प्रयास, बलवा, किसी के घर में बिना अनुमति के घुसने, सशस्त्र डकैती, मारपीट, गाली-गलौज सहित कई मामले दर्ज हैं। 7 मामले कोतवाली में, एक कैंट थाने में और दो न्यायालय के आदेश पर दर्ज हुए हैं। 2009 के एक मामले में तो उसे अदालत ने दो वर्ष की सजा सुनाई थी।