Sunday, June 8, 2025
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हरदा पटाखा फैक्ट्री मालिक को हुई थी 10 साल की सजा; सील हुई थी फैक्ट्री; पहले भी हो चुकी मौतें

Harda firecracker factory owner was sentenced to 10 years imprisonment; The factory was sealed; previous deaths, Madhya Pradesh Harda Firecracker Factory Blast, MP News, Harda, Kalluram news
मंगलवार सुबह हरदा में पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट हुआ था।

हरदा। हरदा पटाखा फैक्ट्री में भीषण विस्फाेट में 11 लोगों की जान चली गई। दो सैकड़ा लोग घायल हो गए। 60 घर जल गए। इसमें मामले को लेकर खुलासा हुआ है कि इसी फैक्ट्री में पहले भी विस्फोट हो चुका है। यहां हुए विस्फोट के मामले में ही फैक्ट्री मालिक राजेश अग्रवाल को 10 साल की सजा भी हो चुकी है। इसी मामले में वह जमानत पर था।

लाेगों का ये भी कहना है कि अवैध रूप से फैक्ट्री संचालन के पहले भी शिकायत प्रशासन से की जा चुकी थी, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई।

तीन साल पहले भी हुआ था हादसा 

इसी फैक्ट्री में तीन साल पहले भी ऐसा ही हादसा हुआ था, जिसमें तीन लोगों की जान चली गई थी। लोगों ने 4-5 बार कलेक्टर से यहां की पटाखा फैक्ट्री के बारे में शिकायत भी की, लेकिन कुछ नहीं हुआ।

सुनवाई होती तो नहीं होता हादसा

फैक्ट्री मालिक राजू अग्रवाल पिछले करीब 10 साल से फैक्ट्री संचालित कर रहा है। राजू अग्रवाल पर आरोप है कि दिवाली के समय यहां पर क्षमता से अधिक पटाखे बनाते जाते हैं। यहां बनाए जा रहे पटाखों की कई जगह सप्लाई भी होती है। हालांकि हादसे के दौरान कुछ लोगों ने यह भी कहा है कि आस-पास के घरों में अवैध रूप से विस्फोटक पदार्थ रखे थे।

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हादसे में घायलों को नर्मदापुरम, भोपाल और हरदा अस्पताल में भर्ती कराया गया।

20 साल से चल रही फैक्ट्री 

स्‍थानीय लोगों का कहना है कि यह फैक्‍ट्री करीब 20 साल पुरानी है। पिछले 10 साल में यहां 3-4 बार हादसे हो चुके हैं। इसके बाद भी यहां प्रशासन ने यहां ठोस कार्रवाई की नहीं की। यही नहीं, साल 2018 में भी बड़ा हादसा हुआ था, जिसमें करीब 5 लोगों की मौत हो गई थी। हादसे के बाद लोगों ने प्रदर्शन किया था। फिर मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

राजेश, सोमेश और प्रदीप अग्रवाल चला रहे थे फैक्ट्री

तहसीलदार हरदा लवीना घागरे के मुताबिक शिकायत के बाद फैक्ट्री की जांच हुई थी। इसे सील भी किया गया था। यह फैक्ट्री पट्टे की जमीन पर चल रही थी, जिसके मालिक राजेश अग्रवाल राजू, सोमेश अग्रवाल सोमू और प्रदीप अग्रवाल हैं। उनके पहले पदस्थ रहे अफसर द्वारा फैक्ट्री सील किए जाने के बाद तीनों हाईकोर्ट गए थे। एसडीएम को प्रस्तुतकर्ता अधिकारी बनाया गया था।

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हादसे के बाद मौके पर सात जिलों की फायर ब्रिगेड भेजी गईं।

तीन साल पहले विस्फोट से हुई थी 3 मौतें

पटाखा फैक्ट्री में तीन साल पहले बारूद भरते समय एक परिवार की तीन महिलाएं जान गंवा चुकी हैं। मामले में फैक्ट्री मालिक राजेश अग्रवाल जेल तक जा चुका है। हालांकि बाद में बाहर आ गया था। वह दोबारा अपने अवैध व्यापार को खड़ा करने में जुट गया। तब के एसपी ने फैक्ट्री के लाइसेंस निरस्त करने की तक पेशकश की थी। कलेक्टर ने इसे अनफिट घोषित करते हुए सील कर दिया था।

कांग्रेस बोली- 10 साल की सजा हो चुकी

प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष नेता केके मिश्रा ने कहा कि इसी फैक्ट्री में हुए विस्फोट के बाद फैक्ट्री मालिक राजू अग्रवाल और उसके अन्य साथी के खिलाफ हरदा के द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार दक्षणी ने धारा 5 (क) विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, 1908 के आरोप में 10-10 साल की सजा और 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था।

मिश्रा ने कहा कि अग्रवाल को सजा सुनाए जाने के बावजूद भी उक्त सजायाफ्ता इस फैक्ट्री का संचालन कैसे कर रहा था। यही नहीं, फैक्ट्री का लाइसेंस निलंबित होने के बावजूद भी नवीनीकरण कौन राजनेता करवाता रहा?

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हादसे के बाद इस तरह की तस्वीर नजर आई।

पेटलावाद हादसे से नहीं लिया सबक

गौरतलब है कि 12 सितंबर 2015 को झाबुआ जिले के पेटलावद में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट में 89 लोगों की मौत हो गई थी। 150 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। विस्फोट से आसपास की इमारतें उड़ गई थीं। इमारत के मालिक राजेंद्र कुमार कसवा पर कुआं खोदने के लिए विस्फोटक सामग्री रखने का लाइसेंस था. उसने जिलेटिन की छड़ों समेत भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री घर में रखी थी।

बड़ी बात ये है कि 89 से ज्यादा लोगों की मौत के बाद भी पेटलावद हादसे के सभी सात आरोपियों को जिला अदालत ने बरी कर दिया गया था, क्योंकि प्रसासन व पुलिस ने मामले में फौरीतौर पर कार्रवाई की। सजा के नाम पर थानाधिकारी की वेतनवृद्धि रोकी गई थी।

और भी हुए हैं ऐसे हादसे

  • 31 अक्टूबर 2023 को दमोह में पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट हुआ। हादसे में फैक्ट्री मालिक समेत तीन लोगों की मौत हुई। 10 लोग झुलस गए थे। मजिस्ट्रेट जांच दो महीने में पूरी होने के बाद रिपोर्ट शासन को भेजी गई, लेकिन जांच में सीधे तौर पर किसी को दोषी नहीं ठहराया गया।
  • 20 अक्टूबर 2022 को मुरैना में पटाखा बनाने वाली फैक्ट्री में धमाका होने से मकान ध्वस्त हुआ था।. हादसे में एक बच्चे समेत 4 लोगों की मौत हो गई थी।
  • 13 अप्रैल 2022 को ग्वालियर में अवैध पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट से एक महिला की मौत हो गई थी। एक व्यक्ति गंभीर हो गया था।
  • 6 अप्रैल 2017 को दतिया जिले में अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट के बाद एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई थी, जबकि एक बच्ची गंभीर रूप से झुलस गई।

 

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