उज्जैन में धोखाधड़ी की आरोपी पूर्व महामंडलेश्वर मंदाकिनी गिरफ्तार, अस्पताल से डिस्चार्ज होते ही पुलिस ने पकड़ा
उज्जैन। उज्जैन में निरंजनी अखाड़े से निष्कासित पूर्व महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी उर्फ ममता जोशी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मंगलवार दोपहर अस्पताल से डिस्चार्ज होते ही चिमनगंज मंडी पुलिस ने उसे पकड़ लिया। उसके खिलाफ चिमनगंज थाने में धोखाधड़ी की दो एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। पहली एफआई के बाद उसने जहर खा लिया था। तब से वह अस्पताल में भर्ती थी।
कीटनाशक पीकर सुसाइड की कोशिश की
उपाधि दिलाने के लिए पैसे लेने का मामला सामने आने के बाद मंदाकिनी को निष्कासित कर दिया गया। इसके बाद उसने 7 मई की सुबह 11 बजे कीटनाशक पी लिया। गंभीर हालत होने के कारण पुलिस ने उनके बयान नहीं ले सकी थी। अब अस्पताल से छुट्टी मिलते ही पुलिस मंदाकिनी को ले गई है।
Former Mahamandaleshwar Mandakini
महामंडलेश्वर की उपाधि दिलाने के नाम पर ठगा
निरंजनी अखाड़े के संत सुरेश्वरानंद पुरी महाराज ने 6 मई की रात उज्जैन के चिमनगंज थाने में केस दर्ज कराया था। उन्होंने पुलिस को बताया था- महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी उर्फ ममता जोशी ने श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े में महामंडलेश्वर की उपाधि दिलवाने की बात कही थी। इसके एवज में 15 अप्रैल 2024 को मंदाकिनी को साढ़े सात लाख रुपए दिए थे। अखाड़ा मुख्यालय में संपर्क किया तो बताया गया कि रुपए लेकर उपाधि नहीं दी जाती। इसके बाद मैंने रकम वापस मांगी। मंदाकिनी ने रुपए देने से मना कर दिया।
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जयपुर के संत ने भी कराई थी FIR
10 मई को जयपुर के महामंडलेश्वर नर्मदाशंकर ने महाकाल थाने में शिकायत दर्ज कराई। उनका आरोप था कि मंदाकिनी ने आचार्य महामंडलेश्वर बनाने का झांसा देकर 8 लाख 90 हजार रुपए लिए थे। ये राशि उन्होंने पिछले सात महीने में अलग-अलग किश्तों में ऑनलाइन ट्रांसफर की थी।
मंदाकिनी पर धोखाधड़ी के मामले में दूसरी FIR महाकाल थाने में दर्ज की गई थी।