पूर्व वित्त मंत्री राघवजी को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, अप्राकृतिक कृत्य मामले में FIR रद्द के आदेश
भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री राघवजी भाई को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। जबलपुर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने अप्राकृतिक कृत्य मामले में राघवजी के खिलाफ दर्ज FIR रद्द करने का आदेश दिया है। मामला 2013 का है।
इस फैसले के बाद राघवजी के समर्थकों में खुशी है। राघवजी भाई ने कहा कि 10 साल तक मानसिक रूप से प्रताड़ित होते रहे, लेकिन अब सत्य की जीत हुई।
साल 2013 में पूर्व वित्त मंत्री राघवजी के खिलाफ उन्हीं के कर्मचारी ने अप्राकृतिक कृत्य का आरोप लगाया था। भोपाल के हबीबगंज थाने में FIR दर्ज कराई गई थी। इसके बाद राघवजी को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। उन्होंने साल 2016 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर FIR निरस्त करने की अपील की थी।
सरकारी निवास छोड़ने के 3 महीने बाद FIR
हाईकोर्ट की एकल पीठ के जस्टिस संजय द्विवेदी ने आदेश में कहा है- प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण व्यक्ति की छवि धूमिल करने के लिए विरोधियों के इशारे पर केस दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता ने कोर्ट में स्वीकार किया कि अन्य पीड़ित की मदद से छुपकर वीडियो बनाया था। साजिश के तहत अप्राकृतिक यौन कृत्य का वीडियो बनाया गया था।
शिकायतकर्ता साल 2010 से 2013 तक याचिकाकर्ता के सरकारी निवास पर रहा था। इस दौरान उसने शिकायत नहीं की। मई 2013 में सरकारी निवास छोड़ दिया था। इसके करीब तीन महीने बाद FIR दर्ज कराई। राजनीतिक विरोधियों के इशारे और रंजिश के कारण केस दर्ज कराया था।
दुर्भावना के कारण FIR हो तो निरस्त हो सकती है
कोर्ट ने कहा कि याचिका साल 2016 से लंबित है। न्यायालय का अभिमत है कि आपराधिक मामले में अभियुक्त को ट्रायल का सामना करना चाहिए। यदि केस दुर्भावना और निजी रंजिश के कारण दर्ज कराया जाता है, तो FIR निरस्त की जा सकती है। इस मामले में ऐसा ही हुआ है।
राजनीति में बने रहेंगे राघवजी भाई, चुनाव नहीं लड़ेंगे
हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद राघवजी के समर्थकों ने उन्हें बधाई दी। वहीं, राघवजी ने कहा कि उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला पहले ही कर लिया था। अब उम्र भी 90 साल की होने जा रही है। इस उम्र में चुनाव नहीं लड़ना चाहिए। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वे राजनीति में सक्रिय रहेंगे।