कांग्रेस के पूर्व विधायक अंतर सिंह को एक साल की सजा, हाउस लोन घोटाले में MP-MLA कोर्ट ने सुनाया फैसला
इंदौर। कांग्रेस के पूर्व विधायक अंतर सिंह दरबार को भ्रष्टाचार के मामले में एक साल की सजा सुनाई गई है। फैसला एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने सुनाा। कोर्ट ने अंतरसिंह समेत 10 लोगों को सजा सुनाई है। इंदौर प्रीमियर को-ऑपरेटिव बैंक के हाउस लोन घोटाले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है।
पूर्व विधायक दरबार को धारा 120 बी में एक साल की जेल और एक हजार रुपए का जुर्माना, जबकि धारा 13 (1) डी व 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण एक्ट 1988 में एक साल की जेल और दो हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना नहीं भरने पर सजा तीन महीने और बढ़ जाएगी। दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी।
साल 2000 में लोकायुक्त ने उनके खिलाफ केस दर्ज किया था। करीब 23 साल चली सुनवाई के बाद शनिवार को कोर्ट मुकेश नाथ ने फैसला सुनाया। आदेश की प्रति रविवार को सामने आई।
पूर्व विधायक के साथ 9 लोग दोषी
इंदौर प्रीमियर को-ऑपरेटिव बैंक के हाउस लोन घोटाले में दरबार के अलावा अहिल्याबाई गहलोत, देवराज सिंह परिहार, सैय्यद वासिक अली, ओमप्रकाश जोशी, नकवंती पटेल, निर्मला पटेल, जगदीश शर्मा, गुलाम मुर्तजा खान, देवीलाल सूर्यवंशी को भी एक-एक साल की सजा और जुर्माना लगाया है।
महू से दो बार विधायक रहे दरबार
कांग्रेस नेता अंतर सिंह दरबार महू विधानसभा सीट से 5 बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। साल 1998 और 2003 में चुनाव जीते थे। 2008 और 2013 में कैलाश विजयवर्गीय से हार गए थे। 2018 में बीजेपी की उषा ठाकुर ने उन्हें हराया था। 2023 के विधानसभा चुनाव में दरबार को कांग्रेस से टिकट नहीं मिला तो वे निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे। हार गए। बीजेपी की उषा ठाकुर ने लगातार दूसरी बार उन्हें हराया है।