पूर्व CM के बेटे दीपक जोशी कांग्रेस में शामिल, बोले-शिवराज मेरे बड़े भाई कभी नहीं रहे, बहुत बदल गए हैं
भोपाल। पूर्व मंत्री दीपक जोशी शनिवार को पूर्व सीएम कमलनाथ की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हो गए। इस मौके पर उन्होंने कहा शिवराज जी भले मुझे छोटा भाई मानते हों, लेकिन वे मेरे बड़े भाई कभी नहीं हैं। बहुत बदल गए हैं। उन्होंने कहा कि शिवराज के कारण ही मेरी पत्नी को एंबुलेंस नहीं मिली। इस वजह से उनकी मौत हुई। देवास कलेक्टर को शिवराज ने निर्देश दिए थे कि दीपक का फोन आए, तो बात नहीं करना। दो साल पहले दीपक की पत्नी विजया जोशी का कोरोना से निधन हो गया था।
दीपक जोशी पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के संस्थापक सदस्य रहे कैलाश जोशी के बेटे हैं। उनके साथ शनिवार को दतिया जिले से विधायक रहे राधेलाल बघेल भी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और नेता प्रतिपक्ष की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हो गए।
दीपक जोशी ने कहा कि जन संघ के चुनाव चिह्न दीपक को बीजेपी ने अपनी विचारधारा के साथ कहीं न कहीं विलोपित कर दिया, इसीलिए आज मैं कांग्रेस के साथ हूं। BJP के प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव से मुलाकात के सवाल पर बोले- मैंने कल शाम 5 से 7 बजे तक 2 घंटे और रास्ता देखा, लेकिन निराकरण नहीं मिला। मेरी विरासत ईमानदारी की है, उस पर मैं चलूंगा और निरंतर रहूंगा।
जोशी ने कहा कि मध्यप्रदेश भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुका है। नेताओं की स्थिति यह है कि कार्यकर्ता उनसे मिल नहीं सकते। पार्टी को एक हाईटेक पार्टी के साथ एक ऐसी पार्टी का लेवल दे दिया, जिसमें सामान्य कार्यकर्ता उन तक पहुंच नहीं सकता। कमलनाथ ने कहा कि दीपक जोशी ने मुझसे कहा कि मैं कोई टिकट नहीं चाहता। मुझे ताज्जुब हुआ। जोशी जैसे सच्चाई का साथ देने वाले और लोगों को भी मैं आमंत्रित करता हूं।
पिता की तस्वीर साथ लेकर पहुंचे PCC दफ्तर
जोशी सुबह भोपाल में 74 बंगले स्थित सरकारी आवास बी-30 से पिता कैलाश जोशी की तस्वीर साथ लेकर PCC दफ्तर पहुंचे। देवास से भोपाल रवाना होने से पहले जोशी ने खेड़ापति मंदिर में दर्शन किए। बड़ी बहन ने उनका मंगल तिलक किया। समर्थकों ने उन्हें फरसा देकर रवाना किया। देवास में उन्होंने कहा कि भाजपा में लॉलीपॉप देख- देखकर मेरा शुगर लेवल बढ़ गया है। अब शुगर लेवल घटाने के लिए शिष्टाचार वाली पार्टी में जाना है। अटल जी को अपना भगवान मानता हूं और मानता रहूंगा। किसी भी तरह का कार्य हो, बिना पैसे लिए और दिए नहीं हो रहा है, ऐसी भाजपा को आज मैं छोड़ रहा हूं।
कांग्रेस में शामिल होते समय जोशी के बयान…
बेटे के साथ नहीं देने पर क्या कहा
बेटा साइबर लॉ में डिप्लोमा करके इंजीनियर है। वह अभी युवा है। मेरा फैसला चार दिन में हुआ है। मैं पार्टी को लगातार कह रहा था कि आप जोशी जी (कैलाश जोशी) का स्मारक बनवा दीजिए। उनके नाम से भोपाल में, देवास में कुछ कर दीजिए। पांच दिन से लगातार गुहार लगाने के बाद भी जब उन्होंने एक भी चीज नहीं की, तब जाकर कल शाम 7 बजे यह फैसला लिया है।
1991 में पार्टी छोड़ने के फैसले पर…
1991 में केंद्र में बीजेपी समर्थित वीपी सिंह की सरकार थी और मध्यप्रदेश में सुंदरलाल पटवा की सरकार थी। उस समय मैं किसी कारण से आहत हुआ था। तब पार्टी छोड़ने का फैसला लिया था। पार्टी के भीष्म पितामाह कुशाभाऊ ठाकरे ने मुझे फोन लगाकर लखनऊ से कहा था- कल तक मेरा रास्ता देखो। मैं आ रहा हूं। सुबह वह कार्यालय आए।
ठाकरे जी के समक्ष जाते ही मेरी आंखों में आंसू के अलावा कुछ नहीं था। एक इतना बड़ा नेता अदने कार्यकर्ता को मनाने के लिए आया। बीजेपी के नेताओं को यह करना था। प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव से मुलाकात हुई। कल शाम 5 से 7 बजे तक दो घंटे और रास्ता देखा। लेकिन, कोई निराकरण नहीं हुआ। आज मैं कांग्रेस के साथ हूं।
विधानसभा चुनाव लड़ने पर…
मैंने साफ कह दिया है कि मैं कांग्रेस के उस कार्यकर्ता का हिस्सा नहीं लूंगा, जो साढ़े चार साल से काम कर रहा है। जब उमा जी को टिकट दे दिया गया, तब मेरे पिताजी का टिकट काट दिया गया था। उनसे कहा गया था कि खंडवा से चुनाव लड़ लीजिए, तब मेरे पिताजी ने कहा था कि नंद कुमार सिंह चौहान ने क्या गलती की है। मैंने पहले भी कहा है कि कांग्रेस में कोई चुनाव नहीं लडूंगा। पार्टी को अगर लगता है कि चुनाव लड़ाना है, तो मैं बुधनी से चुनाव लड़ने को तैयार हूं। देवास में कोई चुनाव नहीं लडूंगा।