प्रतिबंध के बाद भी धड़ल्ले से चल रहा रेत का अवैध कारोबार, अफसरों की अनदेखी
छिंदवाड़ा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) और खनिज विभाग ने नदियों से रेत उत्खनन करने में प्रतिबंध लगा रखा है। वहीं, रेत के स्टॉक भी जब्त कर लिए हैं। यानी रेत उत्खनन करना या रेत बेचना प्रतिबंधित है। बावजूद छिंदवाड़ा में अफसरों की नाक के नीचे रेत का अवैध रूप से उत्खनन और परिवहन बदस्तूर जारी है।
मकान निर्माण स्थल तक रेत पहुंचाई जा रही है। पॉश इलाके बड़वन में कलेक्टर बंगले से महज 100 मीटर दूर तीन मंजिला मकान निर्माण किया जा रहा है। मुख्य मार्ग पर रेत डलवाई जा रही है। पास ही नगर निगम कार्यालय भी है। यही नहीं, 80 मीटर की दूरी पर सिविल लाइन है। यहां दिन-रात अधिकारियों का आना-जाना रहता है। बावजूद बैखोफ रेत का अवैध कारोबार फल फूल रहा है। प्रशासन के अफसर देखकर भी अनदेखी कर रहे हैं।
पुलिस ने पकड़ा रेत का ट्रैक्टर
बता दें कि जिले भर में रेत का अवैध उत्खनन से लेकर अवैध कारोबार चल रहा है। नदियों से अवैध उत्खनन हो या वन परिक्षेत्र से रेत का अवैध उत्खनन का मामला। इसमें खनिज विभाग का उदासीन रवैया देखने मिल रहा है।
आरोप है कि खनिज माफिया अधिकारियों की साठ-गांठ से इसे अंजाम दिया जा रहा है। जो काम खनिज अधिकारियों को करना चाहिए, वह काम पुलिस विभाग कर रहा है। पिछले दिनों जुन्नारदेव में पुलिस ने रेत से भरा ट्रैक्टर जब्त किया था। आए दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। इधर, खनिज अधिकारी स्टाफ नहीं होने का बहाना बताकर किनारा कर रहे हैं।
ठेकेदारों की मानें तो सौंसर, कुलबुहरा नदी और खैरवाड़ा से लेकर सब जगह की रेत आसानी से मिल रही है। वहीं, वॉटर सप्लाई के पीछे से भी रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है।
महाराष्ट्र पहुंचाया जा रहा मैगनीज
सौंसर क्षेत्र के कच्चीढाना मैगनीज खदान के बाद भीलापार से करोड़ों की मैगनीज महाराष्ट्र पहुंचाई जा रही है। बता दें कि जिले भर में एक मात्र मैगनीज की खदान सौंसर में है। यहां कच्चीढाना मैगनीज खदान वर्षों से है। अब भीलापार से महाराष्ट्र की कंपनी अवैध उत्खनन कर लाखों का मैगनीज सौंसर के ग्रामीण क्षेत्रों से होते महाराष्ट्र पर पहुंच जाती है। इसकी खदान का ठेका नहीं हुआ है। इससे राजस्व को करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है।
खनिज अधिकारी रविंद्र परमार का कहना है कि समय-समय पर करवाई की जाती है। जहां भी जानकारी मिलती है, वहां स्टाफ भेजकर कार्रवाई करते हैं। पर्याप्त बल नहीं होने के कारण परेशानी जाती है।