मध्य प्रदेश में 17, राजस्थान में 23 नवंबर को मतदान, छत्तीसगढ़ में दो फेज में 7 और 17 नवंबर को वोटिंग
मध्यप्रदेश। चुनाव आयोग पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को मतदान और काउंटिंग 3 दिसंबर को होगी। वहीं, राजस्थान में भी 23 नवंबर को एक ही चरण में चुनाव होगा। छत्तीसगढ़ में दो फेज में 7 और 17 नवंबर को चुनाव होंगे। इसके अलावा, मिजोरम में दो फेज में 7 और 3 दिसंबर को चुनाव होगा।
आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि 40 दिन में 5 राज्यों का दौरा किया। इन राज्यों में कुल 16.14 करोड़ मतदाता हैं। इनमें 8.2 करोड़ पुरुष मतदाता, 7.8 करोड़ महिला मतदाता होंगे। इस बार 60.2 लाख नए मतदाता पहली बार वोट डालेंगे।
चुनाव आयोग थोड़ी देर में पांच राज्यों- राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव की तारीखों का ऐलान करेगा।
किस राज्य में कितने वोटर
- मध्यप्रदेश- 5.6 करोड़
- राजस्थान -5.25 करोड़
- तेलंगाना -3.17 करोड़
- छत्तीसगढ़- 2.03 करोड़
- मिजोरम – 8.52 लाख
नए मतदाताओं की उम्र 18 से 19 साल के बीच
60.2 लाख नए मतदाता पहली बार वोट डालेंगे। इनकी उम्र 18 से 19 साल के बीच है। 15.39 लाख वोटर ऐसे हैं, जो 18 साल पूरे करने जा रहे हैं और जिनकी एडवांस एप्लिकेशन प्राप्त हो चुकी हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार राजस्थान, मध्य प्रदेश, मिजोरम और तेलंगाना में एक चरण में चुनाव कराए जा सकते हैं। वहीं, छत्तीसगढ़ में दो चरणों में मतदान हो सकता है।
8,192 पोलिंग बूथों पर महिलाएं कमान संभालेंगी
- पांचों राज्यों की 679 विधानसभा सीटों के लिए 1.77 लाख पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं।
- 60.2 लाख नए मतदाता पहली बार वोट डालेंगे। इनकी उम्र 18 से 19 साल के बीच है। 15.39 लाख वोटर ऐसे हैं, जो 18 साल पूरे करने जा रहे हैं।
- 17734 मॉडल बूथ, 621 पोलिंग बूथों को दिव्यांग कर्मचारी मैनेज करेंगे। 8192 पोलिंग बूथों पर महिलाएं कमान संभालेंगी।
- 1.01 लाख पोलिंग बूथ पर वेबकास्टिंग होगी। आदिवासियों के स्पेशल बूथ होंगे। 2 किलोमीटर के अंदर पोलिंग बूथ होंगे।
- छत्तीसगढ़-ओडिशा बॉर्डर पर चांदमेता और जगदलपुर बस्तर में बसे तुलसी डोंगरी हिल एरिया में पहली बार पोलिंग बूथ बनाया गया है। पहले ग्रामीणों को वोट करने के लिए 8 किमी चलकर बूथ तक जाना पड़ता था।
- राजस्थान में माझोली बाड़मेर में बूथ 5 किमी दूर था। 49 वोटर्स के लिए नया बूथ 2023 के चुनाव के लिए बनाया गया है।
- सी विजिल ऐप से चुनावी गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। लोग ऐप के जरिए शिकायत कर सकेंगे।
पांचों राज्यों में पिछली बार 11 दिसंबर को आया था रिजल्ट
2018 में राजस्थान में 7 दिसंबर, मध्यप्रदेश में 28 नवंबर, तेलंगाना में 7 दिसंबर, मिजोरम में 18 नवंबर को एक फेज में वोटिंग हुई थी। वहीं, छत्तीसगढ़ में दो फेज में 12 और 20 नवंबर को वोटिंग हुई थी। रिजल्ट 11 दिसंबर को अनाउंस किया गया था।
पांचों राज्यों में 2018 में स्थिति
राजस्थान
कुल सीटें- 199, बहुमत- 100, कांग्रेस- कांग्रेस 100, बीजेपी 73, अन्य 26
मध्यप्रदेश
कुल सीटें- 230, बहुमत 116, कांग्रेस 127, बीजेपी 96, अन्य 7
छत्तीसगढ़
कुल सीटें- 90, बहुमत 46, कांग्रेस 68, बीजेपी 15, अन्य 7
तेलंगाना
कुल सीटें- 119, बहुमत 60, टीआरएस- 88, कांग्रेस 19, एआईएमआईएम 7, बीजेपी 1
मिजोरम
कुल सीटें- 21, बहुमत 11, एमएनएफ 26, कांग्रेस 5, बीजेपी 1, जेपीपी 8
मध्यप्रदेश- 2018 में 15 महीने ही CM रहे कमलनाथ
पिछले विधानसभा चुनाव के बाद मध्य प्रदेश में सियासी ड्रामा हुआ था। चुनाव रिजल्ट में कांग्रेस को भाजपा से पांच सीटें ज्यादा मिली थीं। कांग्रेस के पास 114 सीटें थीं, वहीं BJP के के पास 109 सीटें थीं। बसपा को दो और सपा को एक सीट पर जीत मिली थी। कांग्रेस ने गठजोड़ करके बहुमत का 116 का आंकड़ा पा लिया। कमलनाथ राज्य के मुख्यमंत्री बन गए।
कमलनाथ की सरकार 15 महीने ही टिक पाई। दरअसल, कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। इसमें 6 मंत्री शामिल थे। कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई।
मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। कोर्ट ने कमलनाथ सरकार को फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया। मगर, फ्लोर टेस्ट से पहले कमलनाथ ने CM पद से इस्तीफा दे दिया। बाद में भाजपा ने बागी विधायकों को मिलाकर अपने पास 127 विधायक कर लिए और सरकार बनाई। शिवराज सिंह चौहान चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने।
राजस्थान- 25 साल से हर बार बदलती है सरकार
राजस्थान में 200 विधानसभा सीटें हैं। 2018 में यहां 199 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुए थे। अलवर की रामगढ़ सीट पर बसपा प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह का हार्टअटैक से निधन हो गया था। इसके चलते एक सीट पर चुनाव स्थगित कर दिए गए थे।
199 सीटों पर हुए चुनाव में कांग्रेस को 99 सीट मिली थी। रालोद ने यहां कांग्रेस को समर्थन किया, जिसके खाते में एक सीट आई। इस तरह कांग्रेस को 100 सीटें मिली और सरकार बनाई।
बाद में 2019 में हुए रामगढ़ सीट के चुनाव में भी कांग्रेस की उम्मीदवार जीतीं, जिससे कांग्रेस के पास 101 सीटें हो गई। अशोक गहलोत राज्य के मुख्यमंत्री हैं।
छत्तीसगढ़- 15 साल बाद कांग्रेस की सरकार बनी
2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 15 साल बाद सत्ता में वापसी की। 90 सीटों पर हुए विधानसभा चुनाव नतीजे में कांग्रेस को दो-तिहाई बहुमत मिला। भाजपा के खाते में जहां सिर्फ 15 सीटें आईं, वहीं कांग्रेस को 68 सीटें मिली थीं। बाद में कुछ विधायकों ने पार्टी बदली।
फिलहाल, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के पास 71, भाजपा के पास 13, बसपा के पास 2 और 3 विधायक अजीत जोगी की पार्टी के हैं। एक सीट खाली है। भूपेश बघेल मुख्यमंत्री हैं।
तेलंगाना- 2018 में BJP को मिली थी सिर्फ एक सीट
2018 में हुए विधानसभा चुनाव में BJP को सिर्फ एक सीट मिली थी। मौजूदा मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की पार्टी TRS (2022 को पार्टी का नाम तेलंगाना राष्ट्र समिति से बदलकर भारत राष्ट्र समिति कर दिया गया) को सबसे ज्यादा 88 सीट मिली थीं। वहीं, कांग्रेस के खाते में 19 सीटें आईं।
मौजूदा हाल में सत्ताधारी पार्टी के पास इस वक्त 119 विधानसभा सीटों में से 101 विधायक हैं। वहीं, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के पास 7 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास पांच, भाजपा के पास तीन, AIFB के पास एक, एक नॉमिनेटेड और एक निर्दलीय विधायक है।
मिजोरम- 10 साल बाद MNF की वापसी
2018 विधानसभा चुनाव में 10 साल बाद मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) की वापसी हुई। कुल 40 सीटों पर हुए चुनाव में MNF को 26 सीटें मिलीं वही कांग्रेस के खाते में पांच सीटें आई। इसके अलावा जोरम पीपुल्स मूवमेंट को आठ सीटें मिलीं और एक सीट भाजपा के खाते में आई। सत्ताधारी मिजो नेशनल फ्रंट पार्टी ने जोरामथांगा को CM बनाया।
वर्तमान में मिजो नेशनल फ्रंट के पास इस समय 28 विधायक हैं। कांग्रेस के पास पांच, जोरम पीपुल्स मूवमेंट के पास एक, भाजपा के पास एक और पांच निर्दलीय हैं।
केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया था। चर्चा थी कि इस सेशन में वन नेशन-वन इलेक्शन से जुड़ा बिल पेश किया जा सकता है। मगर मोदी सरकार ने महिला आरक्षण बिल पेश कर सबको चौंका दिया।
सरकार ने इसे नारी शक्ति वंदन अधिनियम नाम दिया। यह बिल 20 सितंबर को लोकसभा में पेश हुआ जहां पक्ष में 454 वोट पड़े। AIMIM के दो सांसदों ने विरोध में वोट किया। 21 सितंबर को यह बिल राज्यसभा में पूर्ण बहुमत से पास हुआ। आठ दिन बाद 29 सितंबर को बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई और यह कानून बन गया।
इस बिल के पास होने से मोदी सरकार को पांचों राज्यों में विधानसभा चुनावों में कितना फायदा होगा, यह देखना दिलचस्प होगा। क्योंकि इनमें से छत्तीसगढ़ और मिजोरम में महिला वोटर्स की संख्या पुरुषों के मुकाबले ज्यादा है।
INDIA गठबंधन बनने के बावजूद 3 राज्यों में कांग्रेस V/S आप
राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के खिलाफ AAP चुनाव लड़ रही है। BJP के खिलाफ तैयार हुए विपक्षी गठबंधन INDIA में कांग्रेस और आप दोनों शामिल है। मगर, विधानसभा चुनावों में दोनों एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रही हैं।
2018 में आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ में 85 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, जिसमें उसे 0.85% वोट मिले थे। मध्य प्रदेश में वह 208 सीटों पर लड़ी, जिसमें उसे 0.66% वोट मिले थे। राजस्थान में AAP 142 सीटों पर लड़ी और 0.38% वोट लाई।
तेलंगाना में पार्टी 41 सीटों पर चुनाव लड़कर मात्र 0.06% वोट ही ला पाई। पिछले चुनाव का वोट प्रतिशत देखें, तो कांग्रेस को इससे कोई नुकसान होता नहीं दिख रहा है।