भिंड के व्यापारी की कार के फर्जी नंबर प्लेट से मुंबई में ड्रग सप्लाई, OLX से निकाली थी डिटेल

भिंड। भिंड में ड्रग तस्करी गिरोह का खुलासा हुआ है। आरोपी मुंबई से मादक पदार्थों की तस्करी के लिए भिंड के व्यापारी की हैरियर कार की फर्जी नंबर प्लेट और फास्टैग इस्तेमाल कर रहे थे।
सोमवार-मंगलवार रात पुलिस ने इंदौर, देवास, उज्जैन और धार में नाकेबंदी की, लेकिन तस्कर तेज रफ्तार में बैरिकेड्स तोड़कर भाग गए। देर रात धार पुलिस ने कार जब्त कर ली।
Drugs were supplied to Mumbai using a fake number plate of a Bhind businessman’s car
व्यापारी को आया कॉल– आपकी कार हादसे में शामिल
गोहद चौराहे के रहने वाले व्यापारी हनुमंत सिंह तोमर को रविवार को धार सिटी कोतवाली प्रभारी का फोन आया। बताया गया कि उनकी हैरियर कार (एमपी 07 जेडएन 3344) हादसे में शामिल है। व्यापारी ने पुलिस को बताया कि उनकी कार तो घर में खड़ी है। वहां सीसीटीवी भी हैं।
व्यापारी ने एसपी डॉ. असित यादव से मुलाकात कर घटनाक्रम बताया। एसपी ने जांच के निर्देश दिए। पता चला कि किसी चोरी की हैरियर कार में व्यापारी की गाड़ी का फर्जी नंबर प्लेट लगाकर मादक पदार्थों की तस्करी की जा रही थी।
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फास्टैग की जांच से मिली लोकेशन
साइबर टीम ने कार के फास्टैग की जांच में पता चला कि इंदौर टोल प्लाजा से फास्टैग कटा है। मंगलवार देर रात पता चला कि कार महाराष्ट्र से इंदौर की ओर बढ़ रही है। इंदौर पुलिस ने घेराबंदी की, लेकिन तस्कर कार की स्पीड 180 किलोमीटर प्रति घंटे तक बढ़ाकर धार जिले की सीमा में घुस गए।
धार, देवास, उज्जैन और रतलाम जिले की पुलिस ने भी हाईवे पर बैरिकेट्स लगाए, मगर तस्कर उन्हें तोड़ कर फरार हो गए। देर रात धार पुलिस ने कार को सड़क किनारे खेत से लावारिस हालत में जब्त कर लिया। गैंग के सदस्य भाग निकले।
कार में कई राज्यों की फर्जी नंबर प्लेट
कार की तलाशी में कई राज्यों की फर्जी नंबर प्लेट मिलीं। जांच में पता चला कि तस्कर जिस राज्य में प्रवेश करते, उसी राज्य की नंबर प्लेट लगा लेते थे, ताकि पुलिस की नजरों से बच सकें।
व्यापारी ने भी पकड़ी गड़बड़ी, 1200 का टोल कटा
व्यापारी हनुमंत सिंह तोमर ने बताया कि उन्होंने फास्टैग पोर्टल से कार की डिटेल चेक की, तो पता चला कि ₹1200 का टोल टैक्स किसी और कार से काटा गया है। उन्होंने यह जानकारी भी एसपी को दी थी, तब मामले का खुलासा हुआ।
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OLX से चुराई थी कार की डिटेल
व्यापारी ने बताया कि वह अपनी कार बेचने के लिए ओएलएक्स और कार बाजार जैसी वेबसाइट पर उसकी जानकारी अपलोड कर चुके थे। आशंका है कि वहीं से बदमाशों ने कार की डिटेल और नंबर लिए हैं। फर्जी नंबर प्लेट बनाकर तस्करी शुरू कर दी। व्यापारी का कहना है कि उनकी कार और आरोपियों की कार का रंग मिलता-जुलता है, इसलिए तस्करों ने उन्हीं का नंबर और फास्टैग इस्तेमाल किया।
