मासूमों का अपहरण में पकड़ाई डॉ. शक्ति बोली- मैं अनवांटेड डिलीवरी कराती हूं; दोनों 5 नवंबर तक रिमांड पर
भोपाल। भोपाल में दो मासूम बहनों के किडनैपिंग मामले में नए खुलासे हो रहे हैं। दिल्ली से पकड़ाई डॉक्टर कुमारी शक्ति ने पूछताछ में कबूल किया कि वह अनवॉन्टेड डिलीवरी कराती थी। बच्चों की भी परवरिश करती थी। अर्चना के पास मिली बच्ची एंजिल का मामला भी ऐसा ही है। पुलिस ने दोनों को 5 नवंबर तक रिमांड पर लिया है। इधर, शक्ति की निशानदेही पर मिले मासूम को दिल्ली के शिशु गृह को सौंपा है।
रविवार को सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश में किया। कोर्ट ने डॉ. कुमारी शक्ति देवी और अर्चना सेन को 5 नवंबर तक रिमांड पर भेज दिया है। वहीं, निशांत, सूरज और मुस्कान को जेल भेज दिया है। पुलिस अर्चना और शक्ति को आमने-सामने बैठाकर अन्य वारदातों के संबंध में भी पूछताछ करेगी।
ढाई घंटे DCP ने की पूछताछ
रविवार सुबह 10 बजे डॉक्टर कुमारी शक्ति को पुलिस थाना कोतवाली ले आई थी। यहां दोपहर 12 बजे डीसीपी रियाज इकबाल एसीपी ऑफिस पहुंचे। उन्होंने एडिशनल डीसीपी शालिनी दीक्षित और एसपी आभा प्रभा शर्मा की मौजूदगी में शक्ति से करीब ढाई घंटे पूछताछ की।
शक्ति ने पूछताछ में बताया कि अर्चना ने मेरे बारे में क्या बताया, मुझे नहीं मालूम। मुझे मानव तस्करी के संबंध में जानकारी नहीं है। हां, अनवांटेड डिलीवरी मैं जरूर कराती हूं। इसके बाद जो मां ऐसे बच्चों को नहीं रखना चाहतीं, उन्हें मैं अपने पास रख लेती थी। इसकी बकायदा कागजी कार्रवाई होती थी। ऐसे दो बच्चों के एग्रीमेंट मेरे पास हैं। इनमें एक बच्ची एंजिल है। जिसे मैंने अर्चना को पालने के लिए दिया है। दूसरी बच्ची मेरे पास दिल्ली में थी। जिसे पुलिस ने बरामद किया था।
हालांकि, वह यह नहीं बता सकी कि किस इरादे से बच्चों को पाल रही थी। उनके साथ क्या करने का इरादा था? पहले ऐसे कितने बच्चे पाले जा चुके हैं? उनका क्या किया है?
फर्जी आईडी का संदेह
पुलिस को अर्चना, निशांत, मुस्कान और सूरज की आईडी फर्जी होने का संदेह है। उनके तमाम पहचान पत्र की भी जांच कराई जा रही है। साइबर क्राइम उनके अकाउंट डिटेल्स भी खंगाल रही है। क्राइम ब्रांच की टीम दिल्ली में डेरा डाले है। बच्चियों का सौदा करने वाले सरदार की भी तलाश है।
21 अक्टूबर को अगवा हुई थी बच्चियां
भोपाल में काजल (8) और दीपावली (11 माह) को कर्फ्यू वाली माता मंदिर परिसर से कन्या भोज कराने के बहाने शनिवार 21 अक्टूबर को अगवा किया था। बच्चियों की पहचान न हो, इसके लिए आरोपियों ने दोनों का मुंडन करा दिया था। बच्चियों को सोमवार रात क्राइम ब्रांच ने कोलार के इंग्लिश विला से बरामद किया था।