24 घंटे में डॉ. अरुणा कुमार को फिर हटाया, GMC में दोबारा प्रोफेसर बनाने के बाद जूडा ने की थी हड़ताल

भोपाल। भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज के स्त्री एवं प्रसूति विभाग में एक दिन पहले बतौर प्रोफेसर पदस्थ की गईं डॉ. अरुणा कुमार को सरकार ने 24 घंटे में ही हटा दिया। उनको वापस मेडिकल एजुकेशन डायरेक्टरेट भेजा गया है। डॉ. अरुणा की GMC में पोस्टिंग से नाराज 75 जूनियर डॉक्टरों ने शुक्रवार को हड़ताल शुरू कर दी। आदेश वापस लेने के बाद बाद जूनियर डॉक्टर ड्यूटी पर लौट आए। इससे पहले, अन्य विभाग के जूडा ने भी काली पट्टी बांधकर काम किया।
दरअसल, डॉ. अरुणा को जूनियर डॉक्टर बाला सरस्वती सुसाइड केस में 5 अगस्त 2023 को एचओडी और प्रोफेसर पद से हटा दिया गया था। डॉ. बाला के परिजन ने उन पर प्रताड़ना के आरोप लगाए थे। कुछ सीनियर डॉक्टर ने भी चिट्ठी लिखकर सीएम से उनकी शिकायत की थी। डॉ. अरुणा कुमार को बुधवार को गायनेकोलॉजी डिपार्टमेंट में प्रोफेसर के रूप में पोस्टिंग दी गई थी।
जूडा ने शुक्रवार दोपहर दो बजे तक डॉ. अरुणा कुमार की पोस्टिंग के आदेश निरस्त करने का अल्टीमेटम दिया था। कॉलेज के अलग-अलग 28 डिपार्टमेंट में 450 जूनियर डॉक्टर हैं।
जूडा ने काली पट्टी बांधकर किया था काम

जूडा ने गुरुवार को काली पट्टी बांधकर विरोध जताया था। जूडा एसोसिएशन के प्रवक्ता कुलदीप गुप्ता ने बताया कि हमने डॉ. अरुणा को हटाने के लिए डीन के अलावा अन्य हायर अथॉरिटी को पत्र लिखा था। दरअसल, वे गायनिक ब्रांच की एचओडी रहीं डॉ. अरुणा कुमार को फिर से प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में पोस्टिंग से नाराज हैं। डॉ. अरुणा को जूनियर डॉक्टर बाला सरस्वती सुसाइड केस के बाद 5 अगस्त को हटाया गया था। बाला सरस्वती (27) ने 31 जुलाई को खुदकुशी कर ली थी। वे 14 हफ्ते की गर्भवती थीं।