छिंदवाड़ा में दो सीटों पर ‘बंटी’, टिकट नहीं मिलने नाराज ग्रामीणों ने किया चुनाव का बहिष्कार
छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में छिंदवाड़ा जिले में दो ‘बंटी’ चर्चा में रहे। पहले छिंदवाड़ा से भाजपा के बंटी विवेक साहू, जो कमलनाथ के सामने हैं। वहीं, चौरई में बंटी पटेल कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे।
बंटी पटेल ने दोनों पार्टियों का समीकरण बिगाड़ने में कसर नहीं छोड़ी। छिंदवाड़ा के बंटी विवेक साहू ने कमलनाथ को कड़ी टक्कर दी है। कारण- पिछले तीन चार साल से वे जनता से सीधे जुड़े रहे। ग्रामीण क्षेत्रों में उनकी पकड़ रही। इसका लाभ भी उन्हें चुनाव में मिल सकता है। वहीं, लाड़ली बहना योजना ने भी भाजपा का मजबूत किया है।
बात चौरई वाले बंटी पटेल की
बात करें चौरई के बंटी पटेल की, तो उन्होंने कमलनाथ से बागवत कर चुनाव लड़ा। हालांकि उन्होंने सभाओं के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर टिप्पणी नहीं की। बावजूद माहौल बदल दिया। उन्होंने जनसंपर्क कांग्रेस और भाजपा उम्मीदवारों के टक्कर में किया। बड़ी बात यह रही कि उनके गृहग्राम सिंहपुरा में ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार कर दिया। मतदान केंद्र पर चुनाव दल के अलावा कोई नहीं दिखा। शासन प्रशासन के प्रयास के बाद भी मतदाता घर से नहीं निकले। मामले में सिंहपुरा गांव जो कि छिंदवाड़ा विधान सभा में आता है, लेकिन चांद क्षेत्र से लगा है।
बुजुर्ग मतदाता कुबेर सिंह रघुवंशी ने बताया कि गांव के बेटे बंटी पटेल से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि तैयारी करो। बंटी को कांग्रेस से उम्मीदवार बनाने की तैयारी कर ली गई। ऐन मौके पर सुजीत चौधरी को उम्मीदवार बना दिया गया। बंटी के समर्थक कांग्रेस के खिलाफ लामबंद हो गए। उन्होंने रैली निकाली। अब गांव ने इसलिए विरोध किया कि बेटे को टिकट नहीं मिला। फिलहाल, बंटी समर्थकों ने बता दिया कि हमसे दमदार कोई नहीं है। फिलहाल सभी उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला ईव्हीएम मशीन में कैद है।
दोनों दलों किया भितरघात
इधर, भाजपा में रूठों को मनाने के बाद भी भितरघात में कसर नहीं छोड़ी है। समर्थकों और भाजपा नेताओं को फोन कर और घर जाकर बंटी के खिलाफ मतदान करवाने में लगे रहे। इसी तरह, कांग्रेस में भी नाराज नेता मैदानी स्तर पर मेहनत करते नजर नहीं आए। सिर्फ युवा चेहरों के भरोसे कांग्रस उम्मीदवार कमलनाथ ने यह चुनाव की नैया पार लगाने मेहनत की है। अब दोनों पार्टी के नेताओं का भीतरघात कितना सफल हो पाएगा। यह परिणाम तय करेंगे।
विरोधाभास भी देखने मिला
चुनाव के दौरान वार्ड क्रमांक 25 में चुनाव जायजा लेने पहुंचे सांसद नकुलनाथ को नेताप्रतिपक्ष विजय पांडे ने नियमों को हवाला देते हुए बूथ के अंदर जाने से रोक दिया। इसी तरह गुरैया में भी कांग्रेस अध्यक्ष विश्वनाथ ओक्टे और भाजपा समर्थकों के बीच जमकर बहसबाजी हुई।
आखिरकार पुलिस को आकर भाजपा महिला समर्थकों को अपने वाहन में लेकर जाना पड़ा। चुनाव के पहले भी ओक्टे का भाजपा कार्यकर्ताओं से झड़प का वीडियो सामने आया था। इधर नगर निगम महापौर को भी वार्ड नंबर दस के बूथ में घुसने से रोक दिया था। इसी तरह अन्य छुटपुट घटनाएं भी देखने मिली।
दोनों दल लगा रहे समीकरण
इधर मतदान होने के बाद चाय की चुस्कियां लेते हुए दोनों दलों के नेता और कार्यकर्ता अपनी अपनी पार्टी की जीत का दावा कर रहे है। इस मामले में भाजपा लाड़ली बहना योजना के सहारे जीत को लेकर आश्वसत है। हालांकि यह फैसला 3 नवम्बर को होगा कि जीत का सेहरा किसके सिर सजेगा।
चौरई में सबसे अधिक मतदान
विधान सभा चुनाव में कुल मिलाकर 82.80 प्रतिशत मतदान हुआ है। सूची में सबसे अधिक मतदान अमरवाड़ा में 87.06, चौरई में 85.82, छिंदवाड़ा में81.50, जुन्नारदेव में78.63, परासिया में 81.52, पांढुर्ना में 83.48 और सबसे सौंसर में 81.30 फीसदी मतदान हुआ है। हालांकि सातों विधानसभा में मतदान का प्रतिशत 80 का आंकड़ा पार कर गया है।